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सार
यूपी बोर्ड की 12वीं का अंग्रेजी का पेपर लीक हो गया है। इसके बाद वाराणसी, बलिया समेत 24 जिलों में परीक्षा रद्द कर दी गई है।
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समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। अब चुनाव के बाद बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक की घटना ने फिर से प्रशासन पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
परीक्षा के दिन ही हुआ था खुलासा : उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 28 नवंबर 2021 को यूपीटीईटी की परीक्षा होनी थी। इसमें करीब 21 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले पेपर लीक होने की घटना का खुलासा हो गया। इसके चलते सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी।
प्रयागराज से पकड़ा गए थे आरोपी : एसटीएफ ने 28 नवंबर 2021 की शाम को ही झूंसी के दयानाथ मिश्रा स्मारक गर्ल्स इंटर कालेज से सत्य प्रकाश सिंह, अभिषेक सिंह और अनुराग को गिरफ्तार किया था। उनके मोबाइल से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का लीक प्रश्न पत्र मिला था। शंकरगढ़ के अजयदेव सिंह पटेल ने उन्हें प्रश्नपत्र भेजा था।
परीक्षा नियामक सचिव सस्पेंड किए गए : पेपर लीक की घटना के दो दिन बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर दिया।
पूर्वांचल से पश्चिम तक फैला था नेटवर्क : यूपीटीईटी परीक्षा लीक कराने का नेटवर्क पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैला था। एसटीएफ ने इस मामले में पूरे प्रदेश से करीब 27 आरोपियों को हिरासत में लिया।
23 जनवरी को फिर से हुई परीक्षा : पेपर लीक घटना के बाद 23 जनवरी को प्रदेशभर में फिर से यूपीटीईटी परीक्षा कराई गई।
मास्टरमाइंड भी हुआ गिरफ्तार : दो दिन पहले ही प्रयागराज के शंकरगढ़ कस्बे से यूपीटीईटी पेपर लीक के मामले में अजयदेव सिंह पटेल नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यही व्हाट्सएप के जरिए लोगों को पेपर भेजता था।
यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में पकड़े गए आरोपी अजय ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि गिरोह का संचालन एजी आफिस उत्तराखंड का ऑडिटर अमित वर्मा करता है। अमित ने ही उसे पेपर भेजा था जिसे बाद में उसने अपने लोगों को फारवर्ड किया था। उसने बताया कि गिरोह के लोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को से पैसे लेकर परीक्षा पास कराने का ठेका लेते हैं।
परीक्षाओं से सिर्फ पेपर ही नहीं आउट कराते बल्कि साल्व कराके अभ्यर्थियों को भेजते हैं। हर पद और परीक्षा के लिए अलग अलग रेट निर्धारित हैं। गिरोह ने फोटोमिक्सिंग कर फर्जी आधार कार्ड, एडमिट कार्ड और अन्य आईडी बनाने वालों को हायर किया हुआ है। यूपी टेट से पहले भी कई परीक्षाओं में गिरोह के लोग अभ्यर्थियों को नकल कराके उनसे भारी रकम वसूल चुके हैं।
50 हजार एडवांस के साथ ले लिए मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र
टेट परीक्षा में पेपर लीक करने वालों ने प्रति अभ्यर्थी ढाई लाख रुपये में सौदा तय किया था। अभ्यर्थियों से पचास हजार नकद और उनके मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र ले लिए थे। कहा गया था कि पास होने के बाद जब वे दो लाख और दे देंगे, प्रमाणपत्र वापस कर दिए जाएंगे। इसी तरह हर परीक्षा में कुछ पैसा एडवांस लेकर अभ्यर्थियों से मूल प्रमाणपत्र जमा करा लिया जाता ताकि वह पूरी रकम दे दे।
यूपीटीईटी पेपर लीक घटना के बाद विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। चुनाव से ठीक पहले हुई इस घटना से सियासी गलियारों में हाहाकार मच गया था। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा समेत सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे का जिक्र हर चुनावी रैलियों में किया था।
अखिलेश ने क्या कहा था?
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था, ‘UPTET 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना बीसों लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा व परिणाम रद्द होना आम बात है। उप्र शैक्षिक भ्रष्टाचार के चरम पर है। बेरोज़गारों का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा!’
बसपा ने क्या कहा था?
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा था, ‘जिस प्रकार सपा सरकार में नकल आम बात होती थी, उसी प्रकार भाजपा सरकार में भी पेपर लीक होने से यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लिए आज की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का रद्द हो जाना अति-गंभीर मामला। करीब 21 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ उचित नहीं।’
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, ‘यूपी सरकार इस ताजा घटना को पूरी गंभीरता से लेकर इसकी अति-शीघ्र उच्च-स्तरीय जांच कराए एवं दोषियों को सख्त कानूनी सजा सुनिश्चित करे तथा आगे यथाशीघ्र इस परीक्षा को सुचारू रूप से कराने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग।’
कांग्रेस ने कई परीक्षाओं की सूची जारी की थी
यूपीटीईटी पेपर लीक की घटना के बाद कांग्रेस ने नौ परीक्षाओं की लिस्ट जारी की और दावा किया कि इनका पेपर भी आउट हुआ था। इसमें पुलिस सब इंस्पेटक्टर भर्ती से लेकर जूनियर इंजीनियर, अवर अधीनस्थ सेवा चयन परीक्षा, नलकूप ऑपरेटर जैसे परीक्षाओं का जिक्र था।
विस्तार
यूपी बोर्ड के अंग्रेजी का पर्चा आउट की घटना ने एक बार फिर से यूपी टीईटी ( UP-TET) पेपर लीक का मामला चर्चा में ला दिया है। पिछले साल 28 नवंबर को होने वाली यूपी टीईटी परीक्षा पेपर लीक के चलते रद्द हो गई थी। ये मुद्दा यूपी चुनाव में खूब उछाला गया था।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। अब चुनाव के बाद बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक की घटना ने फिर से प्रशासन पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
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