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अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: विक्रांत चतुर्वेदी
Updated Thu, 26 May 2022 04:39 PM IST
सार
बजट सत्र के दौरान शायरी से सरकार के इरादों और इच्छाओं की अभिव्यक्ति बजट पेश करने वालों के लिए एक बेहतर विकल्प बन गया है। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसका भरपूर उपयोग किया।
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विस्तार
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य का 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट 2022-23 पेश किया। इस दौरान उनका शायराना अंदाज दिखाई दिया और अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने पांच बार अपनी बातों को शायरी के माध्यम से रखा। बजट पेश करने के दौरान खन्ना के अंदाज ने कई बार अपने साथियों को हंसने का मौका दिया। बजट के बाद सीएम योगी ने इसकी तारीफ की है और इसे पांच साल का विजन के रूप में बताया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जिन शेरों का जिक्र किया वो इस प्रकार हैं-
वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या,
जिस पथ में बिखरे शूल न हों।
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या,
जब धाराएं प्रतिकूल न हों।।
जब तलक भोर का सूरज नजर नहीं आता,
काम मेरा है उजालों की हिफाजत करना।
मेरी पीढ़ी को एक चिराग बनके जलना है,
जिसका मजहब है अंधेरों से बगावत करना।।
मंजिल उन्हीं को मिलती है,
जिनके सपनों में जान होती है।
पंख से कुछ नहीं होता,
हौसलों में उड़ान होती है।।
गैर परों से उड़ सकते हैं हद से हद दीवारों तक,
अम्बर तक तो वही उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे।।
मेरे जुनूं से नतीजा जरूर निकलेगा,
इसी स्याह समंदर से नूर निकलेगा।।
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