ताजनगरी से लखनऊ पहुंचने की राह इस बार के चुनाव में इतनी आसान नहीं रही। कम मतदान और लहर, मुद्दे विहीन चुनाव में प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है। जातीय गोलबंदी के बंधनों को तोड़कर जिसे सबका प्यार मिला, उसी की नैया पार होगी। बूथ पर बस्ते और वोटरों को शाम तक घर-घर से निकालकर मतदान केंद्र तक लाने में जो प्रत्याशी सफल रहे, वही विधानसभा में अपने क्षेत्र की आवाज बन पाएंगे।
पिछले चुनाव से करीब तीन फीसदी तक कम हुए मतदान के कारण प्रत्याशियों के दावे और उनके गणित बिगड़ गए हैं। मतदान खत्म होने के बाद प्रत्याशी बूथ एजेंटों के साथ यह जानने में जुटे रहे कि उनके समर्थक क्षेत्रों में मतदान की स्थिति कैसी रही। गुरुवार की सुबह कोहरे के बीच आगरा में धीमा मतदान शुरू हुआ, लेकिन सूरज की तपिश बढ़ी तो मतदान भी बढ़ा, लेकिन पिछले चुनाव से तीन फीसदी कम हो सका। जिले में कुल 60 फीसदी से अधिक वोट पड़े है। जिले की सभी 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के साथ सपा और बसपा प्रत्याशियों का कड़ा मुकाबला रहा।
आगरा दक्षिण से भाजपा के दो बार के विधायक योगेंद्र उपाध्याय को बसपा प्रत्याशी रवि भारद्वाज से कड़ी चुनौती मिली है। आगरा छावनी में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश की प्रतिष्ठा दांव पर है। उन्हें सपा प्रत्याशी कुंवर चंद से टक्कर मिली है। मुस्लिम मतदाताओं में आगरा दक्षिण और छावनी सीट पर बंटवारा हुआ, वहीं दलित वोट बैंक में भी सेंधमारी हुई है।
आगरा उत्तर से भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल की राह में सपा प्रत्याशी ज्ञानेंद्र गौतम खड़े दिखे तो आगरा ग्रामीण में पूर्व राज्यपाल भाजपा प्रत्याशी बेबीरानी मौर्य और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी महेश जाटव में मुकाबला नजर आया। एत्मादपुर में दो बार के विधायक रहे भाजपा प्रत्याशी डॉ. धर्मपाल सिंह और बसपा प्रत्याशी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल के बीच बेहद कांटे की टक्कर है।
फतेहपुर सीकरी में पूर्व मंत्री और सांसद रहे भाजपा प्रत्याशी चौ. बाबूलाल और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी बृजेश चाहर के बीच कड़ी लड़ाई मानी जा रही है। खेरागढ़ में भाजपा प्रत्याशी और दो बार के विधायक रहे भगवान सिंह कुशवाह और अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार और बसपा प्रत्याशी गंगाधर कुशवाह के बीच त्रिकोणीय संघर्ष दिख रहा है।
फतेहाबाद विधानसभा को फतह करने के लिए तीन बार के पूर्व विधायक छोटेलाल वर्मा और सपा प्रत्याशी रूपाली दीक्षित के बीच सीधी टक्कर रही। यही हाल बाह का रहा, जहां राजघराने की बहू और भाजपा विधायक रानी पक्षालिका सिंह को सपा गठबंधन प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा ने टक्कर दी। ब्राह्मण वोटों का बाह में बंटवारा नजर आया।