देश की सियासत में हमेशा चर्चा में बनी रहने वाली काशी एक बार फिर पूर्वांचल की राजनीति का केंद्र बनने वाली है। सातवें चरण के मतदान से पहले दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं। पीएम फरवरी के अंतिम सप्ताह में 26 से 28 फरवरी के बीच एक दिवसीय और मतदान से पहले दो या तीन दिन का प्रवास कर सकते हैं।
इसके साथ ही पूर्वांचल की जमीन का सियासी रुख अपनी ओर करने के लिए सपा, कांग्रेस और बसपा सहित अन्य दल भी ताकत झोंकने की तैयारी में जुटेंगे। पांचवें चरण के मतदान पूरा होने के बाद से ही काशी को केंद्र में रखकर सियासी दलों के बीच द्वंद्व शुरू हो जाएगा।
दरअसल, पूर्वांचल की सधी हुई सियासत से ही यूपी की जीत तय होती रही है। पांचवें चरण के मतदान के बाद गोरख और काशी क्षेत्र में ही राजनीतिक दलों को ताकत झोंकनी है। जिले की एक विधानसभा में पीएम की रैली आयोजित करने की योजना है।
इसके बाद पीएम मोदी का तीन से पांच मार्च के बीच काशी प्रवास की योजना बनाई जा रही है। इस प्रवास के दौरान पीएम मोदी का आसपास के जिलों में दौरे के कार्यक्रम भी बनाए जा रहे हैं। इससे पहले भाजपा के दिग्गज यहां माहौल तैयार करने की रणनीति बनाने पहुंच जाएंगे।
उधर, माना जा रहा है कि छठे चरण के मतदान के साथ ही 26 फरवरी से पांच मार्च तक भाजपा, सपा और कांग्रेस समेत अन्य दलों के दिग्गज नेता पूर्वांचल में ही डेरा डाले रहेंगे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदान से ऐन पहले काशी प्रवास कर पूर्वांचल की धरा पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया था।
यहां बता दें कि वाराणसी सहित आजमगढ़ गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र जिले में सात मार्च को मतदान होना है। सबसे अंतिम चरण में मतदान के चलते सभी दलों के दिग्गज पूरी ताकत से यहां के मैदान में उतरेंगे।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिहाज से पूर्वांचल की करीब 100 सीटों पर भाजपा की निगाहें जमी हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले वर्ष के अंत में पूर्वांचल के कई जिलों में दौरा कर चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि ऐसे नाम हैं जो स्टार प्रचारक के तौर पर बनारस में रहेंगे।