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ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी
Published by: मुकेश कुमार
Updated Fri, 28 Jan 2022 10:35 AM IST
सार
करहल विधानसभा क्षेत्र को समाजवादियों का गढ़ माना जाता है। यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव में लड़ने जा रहे हैं। उनके सामने भाजपा भी जिताऊ उम्मीदवार उतारने की कवायद में जुटी है।
अखिलेश यादव के सामने कौन होगा भाजपा का प्रत्याशी ?
– फोटो : अमर उजाला
मैनपुरी जिले की विधानसभा सीट करहल से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने अब तक यहां अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में साफ है कि भाजपा करहल में अखिलेश यादव का हल ढूंढ रही है। अब देखना है कि भाजपा किसे करहल सीट से अपना प्रत्याशी बनाती है।
मैनपुरी में कुल चार विधानसभा सीटें हैं। इनमें से सपा ने चारों सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है तो वहीं भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। करहल सीट जहां से खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं वहां भाजपा ने अब तक अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।
तीसरे चरण में मैनपुरी की चारों सीटों पर चुनाव होना है। इसके लिए 25 जनवरी से नामांकन भी शुरू हो गए हैं। इसके बाद भी भाजपा में करहल सीट के प्रत्याशी को लेकर मंथन जारी है। दरअसल यहां भाजपा अखिलेश यादव की टक्कर का प्रत्याशी ढूंढने में लगी है।
यादव बहुल है यह सीट
जातीय आंकड़ों के अनुसार भी ये सीट सपा के लिए सुलभ है। यादव बहुल इस सीट पर अब तक भाजपा से एक यादव नेता को ही उतारे जाने की चर्चाएं तेज थीं। लेकिन अखिलेश यादव के नाम की घोषणा के बाद सही कहीं न कहीं भाजपा ने प्रत्याशी के चयन की कसौटी को और कड़ा कर दिया है। भाजपा जहां जल्द ही प्रत्याशी उतारे जाने का दावा कर रही है तो वहीं सपा का दावा है कि प्रत्याशी चाहे जो हो उसे हार ही मिलेगी।
एक फरवरी को नामांकन का आखिरी दिन है। इससे पहले भाजपा को प्रत्याशी की घोषणा करनी होगी। ऐसे में देखना ये है कि भाजपा अखिलेश को टक्कर देने के लिए किस पर दांव लगाती है।
अखिलेश से आसपास की सीटों को साधेगी सपा
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अखिलेश के सहारे सपा कहीं न कहीं ब्रज की अन्य सीटों को साधने की भी कोशिश कर रही हैं। बृज में मैनपुरी को छोड़कर अन्य जिलों में भाजपा का दबदबा रहा है, ऐसे में सपा यहां अपनी सेंधमारी करने की फिराक में है।
भौगोलिक स्थिति को देखें तो अब तक पूर्वी उत्तर प्रदेश से ही अखिलेश चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करते रहें हैं। ये पहली बार होगा जब वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी सीट से विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं।
क्या बोले जिलाध्यक्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि हम एक ऐसे प्रत्याशी को करहल से मैदान में उतारेंगे जो जिताऊ हो। पार्टी नेतृत्व इस पर मंथन कर रहा है। नामांकन की अंतिम तिथि से पूर्व बहुत जल्द ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि भाजपा पूरे प्रदेश से चाहे जो प्रत्याशी ले आए वह करहल से हारकर ही जाएगी। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अगर करहल से चुनाव लड़ते हैं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के सामने एक लाख वोट से हारकर जाएंगे।
विस्तार
मैनपुरी जिले की विधानसभा सीट करहल से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने अब तक यहां अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में साफ है कि भाजपा करहल में अखिलेश यादव का हल ढूंढ रही है। अब देखना है कि भाजपा किसे करहल सीट से अपना प्रत्याशी बनाती है।
मैनपुरी में कुल चार विधानसभा सीटें हैं। इनमें से सपा ने चारों सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है तो वहीं भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे हैं। करहल सीट जहां से खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं वहां भाजपा ने अब तक अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।
तीसरे चरण में मैनपुरी की चारों सीटों पर चुनाव होना है। इसके लिए 25 जनवरी से नामांकन भी शुरू हो गए हैं। इसके बाद भी भाजपा में करहल सीट के प्रत्याशी को लेकर मंथन जारी है। दरअसल यहां भाजपा अखिलेश यादव की टक्कर का प्रत्याशी ढूंढने में लगी है।
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