[ad_1]
ये पहली बार नहीं है जब राजनीति के दो धुरंधर आमने-सामने होंगे। इससे पहले लोकसभा के सियासी रण में भी अखिलेश और एसपी सिंह बघेल दो-दो हाथ कर चुके हैं। बघेल का सैफई परिवार के खिलाफ यह चौथा चुनाव है। जिससे करहल सीट का चुनावी युद्ध अब और घमासान हो गया है।
अखिलेश यादव और एसपी सिंह दूसरी बार चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद के रास्ते दिल्ली जाने के लिए दोनों में मुकाबला हो चुका है। तब अखिलेश यादव सपा प्रत्याशी थे तो वहीं एसपी सिंह बघेल हाथी (बसपा) की सवारी कर रहे थे। जब परिणाम आए तो साइकिल की रफ्तार के आगे हाथी नहीं टिक सका।
अखिलेश यादव ने एसपी सिंह बघेल को 67301 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। तब अखिलेश यादव को 287011 और एसपी सिंह बघेल को 219710 वोट मिले थे। अब एक बार फिर अखिलेश और बघेल चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। हालांकि इस बार सियासत का मैदान बदलकर फिरोजाबाद से करहल हो गया है तो वहीं मंजिल भी इस बार लोकसभा नहीं बल्कि लखनऊ विधानसभा है।
डिंपल यादव की राह का रोड़ा बने एसपी सिंह
अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ने के बाद ही एसपी सिंह नहीं रुके। वह हर बार राजनीति में सैफई परिवार के लिए राह का रोड़ा बनते रहे। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद और कन्नौज से जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी थी। उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा। इस चुनाव में भी उनके सामने एसपी सिंह ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा।
एसपी सिंह बघेल को इस चुनाव में भी जीत तो नहीं मिली, लेकिन उन्होंने डिंपल यादव को भी लोकसभा जाने से रोक दिया। इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर को मिला और वह जीतकर लोकसभा पहुंचे। सैफई परिवार से एसपी सिंह बघेल का चुनावी युद्ध यहीं नहीं थमा। 2014 के लोकसभा चुनाव में कमल दल से एसपी सिंह बघेल ने फिरोजाबाद सीट से ही सपा के अक्षय यादव से मुकाबला किया। तब भी उन्हें 114059 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा।
[ad_2]
Source link







