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सार
सिरसागंज विधानसभा सीट से हरिओम यादव ने सपा के टिकट पर लगातार दो बार जीत दर्ज की है। इस बार वह भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। सपा से सर्वेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं।
राजनीति में कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण फिरोजाबाद जिले की सिरसागंज विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव साइकिल को पंचर करने में जुटे हैं। भगवा रथ पर सवार हरिओम को उनके ही राजनीतिक शिष्य सर्वेश यादव सपा से चुनौती देंगे। हरिओम के हर पैंतरे का जवाब देने के लिए ही सपा ने सर्वेश को मैदान में उतारा है। दोनों के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकने से माहौल गरमाया हुआ है।
सिरसागंज विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यादव बाहुल्य सीट पर भाजपा से दो बार के विधायक रहे हरिओम यादव चुनाव मैदान में हैं तो वहीं कभी उनके चुनावी रणनीतिकार रहे सर्वेश यादव को सपा ने मैदान में उतारा है। बसपा से पंकज मिश्र और कांग्रेस से प्रतिमा पाल भी चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी जानकारों की माने तो यहां सपा और भाजपा में सीधा मुकाबला है। बसपा प्रत्याशी पंकज मिश्र लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।
सपा के टिकट पर दो बार विधायक बने हरिओम
2012 में अस्तित्व में आई सिरसागंज विधानसभा सीट से लगातार दो बार सपा से हरिओम यादव विधायक चुने गए। 2012 के चुनाव में हरिओम यादव ने बसपा प्रत्याशी अतुल प्रताप सिंह को चालीस हजार वोट से शिकस्त दी थी। हरिओम यादव को 85517 जबकि अतुल को 45502 वोट मिले थे। वर्ष 2017 के चुनाव में हरिओम यादव ने मोदी लहर में भी सिरसागंज सीट पर जीत का परचम लहराया था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को दस हजार मतों के अंतर से हराया था। इस बार गुरु और शिष्य की लड़ाई में ऊंट किस करवट बैठेगा यह दस मार्च के बाद पता चलेगा।
अखिलेश-बघेल का दिखेगा असर
पड़ोसी जनपद मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाजपा से केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल के चुनाव मैदान में उतरने का सिरसागंज सीट पर भी प्रभाव पड़ेगा। सर्वेश यादव को जहां संजीवनी मिली है। वहीं हरिओम यादव भी वोटों के बिखराव की चिंता से बेफिक्र हुए हैं।
विधानसभा सीट का इतिहास
वर्ष-2008 से पूर्व सिरसागंज नगर घिरोर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा था। 2008 में सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ तो उसमें सिरसागंज नगर के साथ शिकोहाबाद, करहल और घिरोर के आंशिक भाग को शामिल किया गया। सिरसागंज विधानसभा सीट पर 2012 और 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों बार सपा से हरिओम यादव को जीत हासिल हुई।
57 से अधिक शीतगृह
सिरसागंज को आलू उत्पादन का मुख्य केंद्र माना जाता है। विधानसभा क्षेत्र में 57 से अधिक शीतगृह संचालित हैं।
कुल मतदाता
- कुल मतदाता – 3,19,912
- पुरुष मतदाता – 1,72,318
- महिला मतदाता – 1,47,579
- अन्य मतदाता – 15
जातिगत आंकड़े
- यादव- 1.20 यादव
- क्षत्रिय- 55 हजार
- लोधी राजपूत- 35 हजार
- दलित- 25 हजार
- बघेल- 30 हजार
- कुशवाहा- 15 हजार
- मुस्लिम- 12 हजार
- ब्राह्मण- 08 हजार
सिरसागंज के प्रमुख मुद्दे
सिरसागंज क्षेत्र में सर्वाधिक आलू का उत्पादन होता है पर इसका लाभ किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। फसल के दौरान दाम इतने गिर गिर जाते है कि आलू को फेंकने की नौबत आ जाती है। किसान सरकार से आलू प्रोसेसिंग फैक्ट्री लगाने की मांग कर रहे हैं।
निराश्रित गोवंश फसलों को नष्ट कर देते हैं। गोश गांव में भी खुले घूमते रहते हैं, जो किसानों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। रजिस्ट्रार दफ्तर न होने से लोगों को
20 किमी दूर शिकोहाबाद जाना पड़ता है। मांग के बाद भी रजिस्ट्रार दफ्तर नहीं खुल सका।
विस्तार
राजनीति में कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण फिरोजाबाद जिले की सिरसागंज विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव साइकिल को पंचर करने में जुटे हैं। भगवा रथ पर सवार हरिओम को उनके ही राजनीतिक शिष्य सर्वेश यादव सपा से चुनौती देंगे। हरिओम के हर पैंतरे का जवाब देने के लिए ही सपा ने सर्वेश को मैदान में उतारा है। दोनों के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकने से माहौल गरमाया हुआ है।
सिरसागंज विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यादव बाहुल्य सीट पर भाजपा से दो बार के विधायक रहे हरिओम यादव चुनाव मैदान में हैं तो वहीं कभी उनके चुनावी रणनीतिकार रहे सर्वेश यादव को सपा ने मैदान में उतारा है। बसपा से पंकज मिश्र और कांग्रेस से प्रतिमा पाल भी चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी जानकारों की माने तो यहां सपा और भाजपा में सीधा मुकाबला है। बसपा प्रत्याशी पंकज मिश्र लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।
सपा के टिकट पर दो बार विधायक बने हरिओम
2012 में अस्तित्व में आई सिरसागंज विधानसभा सीट से लगातार दो बार सपा से हरिओम यादव विधायक चुने गए। 2012 के चुनाव में हरिओम यादव ने बसपा प्रत्याशी अतुल प्रताप सिंह को चालीस हजार वोट से शिकस्त दी थी। हरिओम यादव को 85517 जबकि अतुल को 45502 वोट मिले थे। वर्ष 2017 के चुनाव में हरिओम यादव ने मोदी लहर में भी सिरसागंज सीट पर जीत का परचम लहराया था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को दस हजार मतों के अंतर से हराया था। इस बार गुरु और शिष्य की लड़ाई में ऊंट किस करवट बैठेगा यह दस मार्च के बाद पता चलेगा।
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