गोरखपुर जिले में जल्द ही मीट, सब्जी, तेल, दूध और पानी में पाए जाने वाले मेटल्स जैसे आर्सेनिक, आयरन, लेड आदि की जांच के साथ ही दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी। नथमलपुर में करीब सवा एकड़ में बन रहे अत्याधुनिक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की नई अत्याधुनिक लैब का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में पूरा हो जाएगा। लैब के निर्माण का काम राजकीय निर्माण निगम करा रही है।
वर्तमान में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित लैब में सिर्फ खाद्य पदार्थों में सामान्य मिलावट की ही जांच हो पाती है। मीट की जांच के लिए तो जरूरी उपकरण ही नहीं है जबकि नॉनवेज के रेस्त्रां और इसे खाने वालों की संख्या काफी अधिक है। इस लैब के स्थापित हो जाने से यहां जल्द खराब होने नमूने मांस, सब्जी समेत सभी तरह के खाद्य पदार्थों में होने वाली हर मिलावट की जांच हो सकेगी।
इसी लैब में दवाओं की भी जांच हो सकेगी, जिसकी सुविधा अभी जिले में नहीं है। खाद्य और पेय पदार्थों मे इस तरह की जांच में सक्षम कुछ हाईटेक मशीनें आ चुकी हैं और कुछ बिल्डिंग बन जाने के बाद गोरखपुर आएंगी। लैब अपग्रेड हो जाने के बाद यहां किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ में लेड, आर्सेनिक या मरकरी जैसे हैवी मेटल की जांच हो जाएगी। साथ ही किसी भी पदार्थ में पेस्टीसाइड, इंसेक्टीसाइड के मिलावट की भी पहचान हो सकेगी। यहीं पर पानी में किसी भी प्रकार के बैक्टीरियां की पड़ताल भी की जा सकेगी। अभी सिर्फ पानी की सतही जांच ही हो पाती है।
मेडिकल कॉलेज स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग के लैब में अभी खाद्य पदार्थों में सामान्य तरह की मिलावट की ही जांच हो पाती है। मसलन खाद्य तेल, मिठाई, नमकीन आदि में रंग या किसी तरह के केमिकल की मिलावट। संदेह पर हैवी मेटल या पेस्टीसाइड, इंसेक्टीसाइड की जांच के लिए नमूनों को लखनऊ या वाराणसी की लैब में भेजा जाता है मगर अब ये सभी जांचें भी यहीं पर हो जाएंगी।
प्रदेश में इन जिलों में है लैब गोरखपुर, झांसी, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, आगरा।
गोरखपुर में इन जिलों के नमूनों की होती है जांच बुंदेलखंड, झांसी, प्रयागराज और मुरादाबाद।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सहायक आयुक्त कुमार गुंजन ने कहा कि गोरखपुर में नई अत्याधुनिक लैब का निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा। इस लैब के बन जाने से यहां मीट, सब्जी, समेत खाद्य पदार्थों में हर तरह की मिलावट और दवाओं की गुणवत्ता भी जांची जा सकेगी। सवा एकड़ में बन रहे इस लैब पर 22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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गोरखपुर जिले में जल्द ही मीट, सब्जी, तेल, दूध और पानी में पाए जाने वाले मेटल्स जैसे आर्सेनिक, आयरन, लेड आदि की जांच के साथ ही दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी। नथमलपुर में करीब सवा एकड़ में बन रहे अत्याधुनिक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की नई अत्याधुनिक लैब का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में पूरा हो जाएगा। लैब के निर्माण का काम राजकीय निर्माण निगम करा रही है।
वर्तमान में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित लैब में सिर्फ खाद्य पदार्थों में सामान्य मिलावट की ही जांच हो पाती है। मीट की जांच के लिए तो जरूरी उपकरण ही नहीं है जबकि नॉनवेज के रेस्त्रां और इसे खाने वालों की संख्या काफी अधिक है। इस लैब के स्थापित हो जाने से यहां जल्द खराब होने नमूने मांस, सब्जी समेत सभी तरह के खाद्य पदार्थों में होने वाली हर मिलावट की जांच हो सकेगी।
इसी लैब में दवाओं की भी जांच हो सकेगी, जिसकी सुविधा अभी जिले में नहीं है। खाद्य और पेय पदार्थों मे इस तरह की जांच में सक्षम कुछ हाईटेक मशीनें आ चुकी हैं और कुछ बिल्डिंग बन जाने के बाद गोरखपुर आएंगी। लैब अपग्रेड हो जाने के बाद यहां किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ में लेड, आर्सेनिक या मरकरी जैसे हैवी मेटल की जांच हो जाएगी। साथ ही किसी भी पदार्थ में पेस्टीसाइड, इंसेक्टीसाइड के मिलावट की भी पहचान हो सकेगी। यहीं पर पानी में किसी भी प्रकार के बैक्टीरियां की पड़ताल भी की जा सकेगी। अभी सिर्फ पानी की सतही जांच ही हो पाती है।