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बंद दुकानें व प्रदर्शन करते व्यापारी।
– फोटो : amar ujala
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व्यापारियों के भारी विरोध और राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने जीएसटी चोरी के खिलाफ एक सप्ताह से जारी राज्यकर विभाग के छापे की कार्रवाई स्थगित कर दिया गया है। हालांकि इसके लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। अलबत्ता छापे की कार्रवाई में शामिल 264 टीम को मौखिक आदेश देकर अभियान को फिलहाल स्थगित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दे कि राज्यकर विभाग को लगातार जीएसटी चोरी की शिकायत मिल रही थी। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी कर चोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर राज्यकर आयुक्त मिनिस्ती एस के निर्देश पर जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए 264 टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों द्वारा 5 दिसंबर से प्रदेश के 71 जिलों में एक साथ छापेमार कर कर चोरी पकड़ने के अभियान की शुरूआत की गई थी।
उधर लगातार हो रही छापेमारी से परेशान व्यापारी भी इस कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस कार्रवाई को रूकवाने के लिए व्यापारिक संगठनों ने अधिकारियों और मंत्रियों से मिलकर आपत्ति भी जताई और आरोप लगाया कि कर चोरी की जांच के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
साथ ही व्यापारियों ने चेतावनी भी दिया कि यदि छापमारी की कार्रवाई को नहीं रोका गया तो राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा निकाय चुनाव में भुगतना पड़ेगा। इसका असर यह हुआ कि एक सप्ताह बाद ही सोमवार को अभियान को स्थगित कर दिया गया है।
एक सप्ताह में पकड़ी 208.15 करोड़ की चोरी
अभियान में एक सप्ताह के दौरान राज्यकर विभाग ने कुल 208.15 करोड़ की चोरी पकड़ी है। जबकि 600 से अधिक व्यापारियों के यहां की गई छापेमारी में 11.87 करोड़ रुपये से अधिक के माल और बड़े पैमाने पर कर चोरी से संबधित दस्तावेज जब्त किए गए। इसके अलावा अभियान में सैकड़ों व्यापारियों से 17.53 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
भाजपा की बैठक में उठा था यह मुद्दा
सूत्रों का कहना है कि जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान को रुकवाने के लिए व्यापारी संगठनों के विरोध ने निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी थी। रविवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय मे निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकरं हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और कहा गया कि यदि अभियान को रोका नहीं गया तो निकाय चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस संबंध में संगठन के नेताओं ने मुख्यमंत्री से बात की थी। इसके बाद ही अभियान को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
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