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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी।
– फोटो : amar ujala
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भाजपा सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की सियासत सड़क पर आ टिकी है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र की सड़कों के एस्टीमेट में सांसद के तौर पर डॉ. रमापति के बजाय शाही का नाम लिख दिया गया है। इसे डॉ. रमापति ने संसद का अपमान बताते हुए मामला संसदीय विशेषाधिकार समिति के सामने उठा दिया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने को कहा है।
डॉ. रमापति देवरिया से लोकसभा सदस्य हैं, वहीं सूर्य प्रताप शाही भी इसी लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र पथरदेवा से विधायक हैं। दोनों ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। हाल ही में प्रकाश में आया कि इस मामले में सांसद ने संसदीय विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी पीड़ा रखी है।
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उन्होंने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में राज्य सड़क निधि के तहत उनके संसदीय क्षेत्र में नव निर्माण के एस्टीमेट शासन को भेजे गए। ये सड़कें विधानसभा क्षेत्र फाजिलनगर और लोकसभा क्षेत्र देवरिया के अंतर्गत आती हैं।
एस्टीमेट में विधायक के कॉलम में सुरेंद्र कुमार कुशवाहा का नाम लिखा है, लेकिन सांसद के कॉलम में उनका नाम (डॉ. त्रिपाठी) न लिखकर सूर्य प्रताप शाही का नाम लिखा है। पत्र में डॉ. त्रिपाठी लिखते हैं-”देवरिया लोकसभा क्षेत्र से मैं निर्वाचित हूं और इस मामले में सार्वजनिक रूप से संसद और मेरा अपमान किया गया है।”
इतना ही नहीं डॉ. त्रिपाठी ने लिखा है कि इस संबंध में जब उन्होंने पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता संजय कुमार श्रीवास्तव से फोन पर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन भी नहीं उठाया। उन्होंने विशेषाधिकार समिति से मुख्य अभियंता संजय के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। लोकसभा सचिवालय ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इसे अति आवश्यक बताते हुए 15 दिन के भीतर लोकसभा अध्यक्ष के सामने प्रस्तुत करने की बात भी कही है।
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