UP News: सरकारी अस्पतालों से बिना सूचना गायब नहीं हो पाएंगे डॉक्टर, नए नियम बनाने की है तैयारी

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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यूपी के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर अब बिना महानिदेशालय को सूचना दिए गायब नहीं हो सकेंगे। उन पर अंकुश लगाने के लिए नए नियम बनाने की तैयारी है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉक्टरों की कुंडली पोर्टल पर भी अपडेट की जाएगी। इसके लिए पोर्टल तैयार किया जा रहा है।

प्रदेश में प्रांतीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा संवर्ग में करीब 12 हजार चिकित्सक हैं। इनकी तैनाती 170 जिला अस्पतालों, 107 100 बेड वाले अस्पतालों, 943 सीएचसी व 3649 पीएचसी में है। महानिदेशालय से लेकर विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी वरिष्ठता के आधार पर इनकी तैनाती है। जनवरी से मई 2022 तक करीब 1009 नए डॉक्टरों की तैनाती की गई है।

जुलाई में इनकी पड़ताल की गई तो पता चला कि करीब 30 फीसदी से ज्यादा चिकित्सक कार्यभार ग्रहण करने के बाद से गायब हैं। ये  संबंधित सीएचसी व जिला अस्पताल में आए ही नहीं। इसी तरह पहले से तैनात तमाम डॉक्टर भी गायब हैं, लेकिन उनके बारे में विभाग के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इसे देखते हुए विभाग में तैनाती के वक्त ही डॉक्टरों की कुंडली तैयार की जाएगी। इनका पूरा ब्योरा ऑनलाइन मौजूद रहेगा। इससे अगर कोई डॉक्टर सप्ताहभर से ज्यादा अनुपस्थिति हुआ तो इसकी सूचना विभाग के सभी उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाएगी।

निरीक्षण में खुली पोल, कड़ी कार्रवाई के निर्देश
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में कई अस्पतालों से चिकित्सकों के लंबे समय से गायब होने की जानकारी मिली है। अमरोहा में एक उप चिकित्सा अधीक्षक छह माह से गायब थी वह वेतन भी ले रही थी। हालांकि खुलासा होने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह का मामला जौनपुर, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में भी सामने आए हैं। जहां कई डॉक्टर लंबे समय से गायब मिले। चिकित्सकों के गायब होने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए उप मुख्यमंत्री ने महानिदेशक को निर्देश दिया है कि सभी डॉक्टरों की पुख्ता रिपोर्ट तैयार की जाए। जो डाक्टर अनुपस्थिति चल रहे हैं, उनके पद को रिक्त मानते हुए नए सिरे से भर्ती  प्रक्रिया शुरू की जाए।

वर्ष 2020 में गायब मिले थे कई चिकित्साधिकारी
वर्ष 2020 में स्वास्थ्य विभाग ने पीएमएचएस संवर्ग के आंकड़े जुटाए थे। इसमें पता चला था कि 207 चिकित्साधिकारी कार्यभार ग्रहण करने के बाद से गायब हैं। इसी तरह 586 चिकित्साधिकारी सेवा योगदान के बाद परिवीक्षा अवधि बिना पूरी किए गायब थे। 203 चिकित्साधिकारी परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद से अनुपस्थित चल रहे थे। इन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया था। लेकिन इस बीच कोविड आ गया। इससे कार्रवाई नहीं हो सकी। अब अनुपस्थिति चिकित्साधिकारियों की नए सिरे से सूची तैयार की जा रही है।

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यूपी के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर अब बिना महानिदेशालय को सूचना दिए गायब नहीं हो सकेंगे। उन पर अंकुश लगाने के लिए नए नियम बनाने की तैयारी है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉक्टरों की कुंडली पोर्टल पर भी अपडेट की जाएगी। इसके लिए पोर्टल तैयार किया जा रहा है।

प्रदेश में प्रांतीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा संवर्ग में करीब 12 हजार चिकित्सक हैं। इनकी तैनाती 170 जिला अस्पतालों, 107 100 बेड वाले अस्पतालों, 943 सीएचसी व 3649 पीएचसी में है। महानिदेशालय से लेकर विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी वरिष्ठता के आधार पर इनकी तैनाती है। जनवरी से मई 2022 तक करीब 1009 नए डॉक्टरों की तैनाती की गई है।

जुलाई में इनकी पड़ताल की गई तो पता चला कि करीब 30 फीसदी से ज्यादा चिकित्सक कार्यभार ग्रहण करने के बाद से गायब हैं। ये  संबंधित सीएचसी व जिला अस्पताल में आए ही नहीं। इसी तरह पहले से तैनात तमाम डॉक्टर भी गायब हैं, लेकिन उनके बारे में विभाग के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इसे देखते हुए विभाग में तैनाती के वक्त ही डॉक्टरों की कुंडली तैयार की जाएगी। इनका पूरा ब्योरा ऑनलाइन मौजूद रहेगा। इससे अगर कोई डॉक्टर सप्ताहभर से ज्यादा अनुपस्थिति हुआ तो इसकी सूचना विभाग के सभी उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाएगी।

निरीक्षण में खुली पोल, कड़ी कार्रवाई के निर्देश

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निरीक्षण में कई अस्पतालों से चिकित्सकों के लंबे समय से गायब होने की जानकारी मिली है। अमरोहा में एक उप चिकित्सा अधीक्षक छह माह से गायब थी वह वेतन भी ले रही थी। हालांकि खुलासा होने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह का मामला जौनपुर, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में भी सामने आए हैं। जहां कई डॉक्टर लंबे समय से गायब मिले। चिकित्सकों के गायब होने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए उप मुख्यमंत्री ने महानिदेशक को निर्देश दिया है कि सभी डॉक्टरों की पुख्ता रिपोर्ट तैयार की जाए। जो डाक्टर अनुपस्थिति चल रहे हैं, उनके पद को रिक्त मानते हुए नए सिरे से भर्ती  प्रक्रिया शुरू की जाए।

वर्ष 2020 में गायब मिले थे कई चिकित्साधिकारी

वर्ष 2020 में स्वास्थ्य विभाग ने पीएमएचएस संवर्ग के आंकड़े जुटाए थे। इसमें पता चला था कि 207 चिकित्साधिकारी कार्यभार ग्रहण करने के बाद से गायब हैं। इसी तरह 586 चिकित्साधिकारी सेवा योगदान के बाद परिवीक्षा अवधि बिना पूरी किए गायब थे। 203 चिकित्साधिकारी परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद से अनुपस्थित चल रहे थे। इन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया था। लेकिन इस बीच कोविड आ गया। इससे कार्रवाई नहीं हो सकी। अब अनुपस्थिति चिकित्साधिकारियों की नए सिरे से सूची तैयार की जा रही है।



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