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गोरखपुर निकाय चुनाव।
– फोटो : अमर उजाला।
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मुस्लिम इलाकों में इस बार घर से काफी कम वोटर निकले। इसी वजह से नगर निगम चुनाव में जहां वोटिंग का कुल प्रतिशत 34.61 रहा। वहीं, शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत 30 प्रतिशत से कम रहा। कुछ ही वार्ड ऐसे रहे जहां वोटिंग प्रतिशत 30 प्रतिशत से ज्यादा रहा। चुनाव विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ उन्हीं मुस्लिम बहुल वार्डों में वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहा, जहां पार्षद प्रत्याशियों की छवि बेहतर रही और वो खुद अपने दम पर मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने में सफल हो सके।
मेयर के लिए मतदान को लेकर इन इलाकों के मतदाताओं में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं रहा। अधिकांश मुस्लिम मतदाताओं ने अपने आपको सीमित रखा ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुट होकर पूरी दमदारी से अपने मतदान का उपयोग कर सकें। हालांकि प्रत्याशियों से लेकर जानकारों का कहना है कि इस बार वोटर लिस्ट में काफी ज्यादा गड़बड़ी भी कम वोटिंग की मुख्य वजह है।
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इस बार नगर निगम का चुनाव पिछले वर्षों की तरह ही फीका रहा। सिर्फ 34.61 प्रतिशत ही मतदान हुआ, लेकिन शहर के मुस्लिम इलाकों में काफी कम रहा। नगर निगम के करीब 10.48 लाख मतदाताओं में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या 25 से 27 प्रतिशत तक माना जाता है। मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी मतदान के पहले मुस्लिक समाज के लोगों से बढ़चढ़कर मतदान करने की अपील की थी।
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