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वाराणसी में मेयर सीट पर भाजपा के अशोक तिवारी की जीत
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी के नगर निगम सदन में भाजपा मजबूत बनी है। पार्टी के सबसे ज्यादा पार्षद जीतकर मिनी सदन पहुंचे हैं। अब कोई भी प्रस्ताव पास कराने में पार्टी को दिक्कत नहीं आएगी। निगम के अधिकारी व कर्मचारियों पर भी काम का दबाव बना रहेगा। इस चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया। एक भी पार्षद प्रत्याशी चुनाव जीतकर नगर निगम सदन में नहीं पहुंचा है।
वाराणसी नगर निगम में 100 वार्ड हैं। मिनी सदन में बहुमत के लिए 51 पार्षदों का जीतना जरूरी होता है, लेकिन इस बार सारे रिकार्ड टूट गए। नगर निगम के इतिहास में यह पहला मौका है, जब भाजपा के 63 पार्षद चुनाव जीते हैं। ऐसा नगर निगम के गठन के बाद से नहीं हुआ था। 1995 से 2022 तक नगर निगम में बहुमत की सरकार नहीं बन सकी थी।
कांग्रेस के वोट बैंक में भारी गिरावट
इस बार सपा और कांग्रेस को सीटों का नुकसान हुआ है। निर्दलीयों की संख्या में दो सीटों की बढ़ोतरी हुई है। रोचक बात यह भी है कि मेयर के चुनाव में जितने मत भाजपा को मिले हैं, उतने सपा और कांग्रेस प्रत्याशी मिलकर भी नहीं प्राप्त कर सके। कांग्रेस के वोट बैंक में भी गिरावट आई है। सपा के पक्ष में मतदान जरूर बढ़ा है, लेकिन यह जीत दिलाने में नाकाम साबित रहा।
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