जान सांसत में डालकर ट्रेन में चढते परीक्षार्थी – फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) के कारण दूसरे दिन भी रविवार को वाराणसी रेलवे स्टेशन और कैंट बस स्टैंड पर भारी भीड़ उमड़ी। यात्रियों को दिक्कत न हो, इसके लिए रेलवे ने वाराणसी स्टेशन से तीन विशेष ट्रेनों का संचालन कराया। बावजूद इसके भीड़ के कारण कई परीक्षार्थियों की ट्रेनें छूट गईं। ट्रेन पर चढ़ने के लिए मारामारी की स्थिति रही।
रविवार को वाराणसी जंक्शन से तीन स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जो शाम सात बजे वाराणसी से गोरखपुर, रात दस बजे वाराणसी से लखनऊ, रात 11:30 बजे वाराणसी से लखनऊ के लिए चलाई गई। दिन भर वाराणसी आने-जाने वाली ट्रेनों के कोचों में पैर रखने की जगह नहीं थी। स्लीपर कोचों में भी परीक्षार्थियों का कब्जा रहा। बोगियों में बने शौचालय तक में यात्रियों को मजबूरी में यात्रा करना पड़ा।
वाराणसी रेलवे स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने सीसीटीवी मानीटरिंग रूम को कंट्रोल रूम बना दिया था। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए यहां सभी डिवीजन के अधिकारियों की तैनाती की गई थी। जीआरपी के जवान भी स्टेशन पर मुस्तैद रहे।
प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में पहले दिन शनिवार को मुन्ना भाई मिलने की घटना के बाद दूसरे दिन रविवार को अधिक सतर्कता रही। केंद्रों के बाहर तलाशी, पूछताछ के बाद अंदर कमरे में भी विशेष निगरानी की गई। दूसरे दिन भी 50 केंद्रों पर 70 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए।
एडीएम सिटी गुलाब चंद ने बताया कि दो पाली में हुई परीक्षा की पहली पाली में पंजीकृत 29017 अभ्यर्थियों में से 20363 यानी 70.17 प्रतिशत उपस्थिति रही। दूसरी पाली में 20688 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इधर परीक्षा खत्म होने के बाद केंद्रों के बाहर भी अभ्यर्थियों की भीड़ रही। हर कोई एक दूसरे से परीक्षा में पूछे गए सवालों के बारे में चर्चा करता रहा।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) के कारण दूसरे दिन भी रविवार को वाराणसी रेलवे स्टेशन और कैंट बस स्टैंड पर भारी भीड़ उमड़ी। यात्रियों को दिक्कत न हो, इसके लिए रेलवे ने वाराणसी स्टेशन से तीन विशेष ट्रेनों का संचालन कराया। बावजूद इसके भीड़ के कारण कई परीक्षार्थियों की ट्रेनें छूट गईं। ट्रेन पर चढ़ने के लिए मारामारी की स्थिति रही।
रविवार को वाराणसी जंक्शन से तीन स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जो शाम सात बजे वाराणसी से गोरखपुर, रात दस बजे वाराणसी से लखनऊ, रात 11:30 बजे वाराणसी से लखनऊ के लिए चलाई गई। दिन भर वाराणसी आने-जाने वाली ट्रेनों के कोचों में पैर रखने की जगह नहीं थी। स्लीपर कोचों में भी परीक्षार्थियों का कब्जा रहा। बोगियों में बने शौचालय तक में यात्रियों को मजबूरी में यात्रा करना पड़ा।
वाराणसी रेलवे स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने सीसीटीवी मानीटरिंग रूम को कंट्रोल रूम बना दिया था। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए यहां सभी डिवीजन के अधिकारियों की तैनाती की गई थी। जीआरपी के जवान भी स्टेशन पर मुस्तैद रहे।