यूपी के कानपुर में गुरुवार को बारिश ने 49 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसके पहले छह अक्तूबर को इतनी बारिश नहीं हुई। वर्ष 1973 में 72 मिमी बारिश हुई थी, उसके बाद अब छह अक्तूबर को 55 मिमी बारिश हुई है। बुधवार और गुरुवार दोनों दिन मिलाकर कुल 60.2 मिमी बारिश सीएसए की मौसम वेधशाला में रिकॉर्ड की गई है।
सीएसए मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि टाइफून नोरू के प्रभाव से मौसमी गतिविधियां बदली हैं। विभाग का अनुमान है कि अगले पांच दिनों तक कानपुर परिक्षेत्र में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। इस समय चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। बादलों की श्रंखला प्रदेश के ऊपर है। इसी वजह से मानसून की वापसी कुछ दिनों के लिए टल गई है। टाइफून नोरू का असर खत्म होने के बाद ही मानसून की वापसी हो पाएगी।
मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि छह अक्तूबर के दिन अधिकतम बारिश का 50 साल का रिकार्ड टूटा है। इसके पहले वर्ष 1973 में 72 मिमी बारिश हुई थी। उसके पहले वर्ष 1971 में 73.6 मिमी, वर्ष 1972 में 73.5 और वर्ष 1973 में 72 मिमी बारिश छह अक्तूबर को हुई। उसके बाद इतनी बारिश नहीं हुई है।
बारिश होने की वजह से मौसम सुहाना हो गया। इसके साथ ही ठंडक की आहट महसूस होने लगी है। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान सामान्य औसत से 5.3 डिग्री सेल्सियस कम रहा है। रात का न्यूनतम तापमान सामान्य औसत के लगभग बराबर है। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस साल मानसून सीजन की औसत सामान्य बारिश 804.3 मिमी है।
लेकिन इस बार अभी तक 867.7 मिमी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि अभी मौसमी गतिविधियां इसी तरह बनी रहेंगी। कानपुर परिक्षेत्र पर मध्यम और घने बादल छाए रहेंगे। किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों से जल निकासी की व्यवस्था कर लें। खेत में पानी भरा रहने से फसलों को नुकसान हो सकता है।
तापमान
अधिकतम-27.6 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम-21 डिग्री सेल्सियस
24 घंटे की बारिश रिकार्ड करता है सीएसए
सीएसए के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 24 घंटे की बारिश की रिकार्ड किया जाता है। एक दिन सुबह आठ बजे से अगले दिन सुबह आठ बजे तक रिकार्ड किया जाता है। उसके बाद जो बारिश होती है उसे अगले दिन में जोड़ी जाती है। इस तरह बुधवार को सुबह आठ बजे से गुरुवार सुबह आठ बजे तक हुई बारिश को गुरुवार में जोड़ा जाएगा।