UPHESC News : छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ा, 500 पदों पर फंसी भर्ती

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प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ने के कारण असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन पांच सौ पदों पर भर्ती फंस गई है। अनुपात सुधरने के बाद ही इन पदों पर भर्ती शुरू हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की (यूपीएचईएससी) ओर से विज्ञापन संख्या-51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 981 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 917 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। बाद में उच्च शिक्षा निदेशालय ने 64 नए पदों का अधिचायन आयोग को भेज दिया और पदों की संख्या बढ़कर 981 हो गई है।

महाविद्यालयों में अगर छात्र-शिक्षक अनुपात सही रहा होता तो तकरीबन 1500 पदों पर भर्ती होती। दरअसल, निदेशालय ने आयोग को रिक्त पदों का अधियाचन भेजने से पूर्व जनशक्ति निर्धारण के तहत अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का परीक्षण किया था। दर्जनों महाविद्यालयों में अनुपात बिगड़ा हुआ मिला। कॉलेजों में शिक्षकों के जितने पद सृजित हैं, उनके अनुपात में छात्रों की संख्या बहुत कम मिली।

ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन पांच सौ पदों पर भर्ती की आवश्यकता नहीं रह गई और इसी वजह से निदेशालय ने आयोग को इन पदों का अधियाचन भी नहीं भेजा। उच्च शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा का कहना है कि पदों को समाप्त नहीं किया गया है। छात्र-शिक्षक अनुपात सुधरने पर इन पदों पर भर्ती के लिए आयोग को अधियाचन भेजा जाएगा।

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प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ने के कारण असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन पांच सौ पदों पर भर्ती फंस गई है। अनुपात सुधरने के बाद ही इन पदों पर भर्ती शुरू हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की (यूपीएचईएससी) ओर से विज्ञापन संख्या-51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 981 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 917 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। बाद में उच्च शिक्षा निदेशालय ने 64 नए पदों का अधिचायन आयोग को भेज दिया और पदों की संख्या बढ़कर 981 हो गई है।

महाविद्यालयों में अगर छात्र-शिक्षक अनुपात सही रहा होता तो तकरीबन 1500 पदों पर भर्ती होती। दरअसल, निदेशालय ने आयोग को रिक्त पदों का अधियाचन भेजने से पूर्व जनशक्ति निर्धारण के तहत अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का परीक्षण किया था। दर्जनों महाविद्यालयों में अनुपात बिगड़ा हुआ मिला। कॉलेजों में शिक्षकों के जितने पद सृजित हैं, उनके अनुपात में छात्रों की संख्या बहुत कम मिली।

ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन पांच सौ पदों पर भर्ती की आवश्यकता नहीं रह गई और इसी वजह से निदेशालय ने आयोग को इन पदों का अधियाचन भी नहीं भेजा। उच्च शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा का कहना है कि पदों को समाप्त नहीं किया गया है। छात्र-शिक्षक अनुपात सुधरने पर इन पदों पर भर्ती के लिए आयोग को अधियाचन भेजा जाएगा।

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