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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 06 Jun 2022 09:24 PM IST
जिस तरह आईएएस परीक्षा का पैटर्न बदले जाने के बाद अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में दो अतिरिक्त अवसर दिए गए थे, उसी तरह अभ्यर्थियों को पीसीएस परीक्षा में भी दो अतिरिक्त अवसर चाहिए। अभ्यर्थी काफी समय से यह मांग कर रहे हैं और अब पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने भी छात्रों की इस मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2018 में मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बड़ बदलाव किया था। इस बदलाव से उन अभ्यर्थियों को सबसे अधिक झटका लगा, जो कई वर्षों से पीसीएस परीक्षा में शामिल हो रहे थे और ओवरएज होने के करीब थे। वे खुद को परीक्षा के पैटर्न के अनुरूप नहीं बदल सके। बदलाव भी बड़ा था।
कोविड महामारी में प्रतियोगियों की तैयारी हुई प्रभावित
अभ्यर्थियों को संभलने का मौका भी नहीं मिला था कि पीसीएस-2019 से प्री और मेंस में सफलता के मानक बदल दिए गए। यह अभ्यर्थियों के लिए दूसरा बड़ा झटका था। लगातार बदलावों के बीच वर्ष 2020 में कोविड महामारी ने तेजी से पांव पसारे और इससे अभ्यर्थियों की परीक्षा की तैयारी काफी प्रभावित हुई।
इन तमाम झटकों के बीच प्रतियोगी छात्रों की ओर से आयोग के अध्यक्ष और शासन को कई पत्र लिखे किए गए कि ओवरएज अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर प्रदान किए जाएं। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा का पैटर्न बदले जाने के बाद आयोग ने अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर के साथ आयु सीमा में छूट दी थी। इसी का हवाला देते हुए पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और समाजसेवी नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पीसीएस की आगामी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर देने की मांग की है।
विस्तार
जिस तरह आईएएस परीक्षा का पैटर्न बदले जाने के बाद अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में दो अतिरिक्त अवसर दिए गए थे, उसी तरह अभ्यर्थियों को पीसीएस परीक्षा में भी दो अतिरिक्त अवसर चाहिए। अभ्यर्थी काफी समय से यह मांग कर रहे हैं और अब पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने भी छात्रों की इस मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2018 में मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बड़ बदलाव किया था। इस बदलाव से उन अभ्यर्थियों को सबसे अधिक झटका लगा, जो कई वर्षों से पीसीएस परीक्षा में शामिल हो रहे थे और ओवरएज होने के करीब थे। वे खुद को परीक्षा के पैटर्न के अनुरूप नहीं बदल सके। बदलाव भी बड़ा था।
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