गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बनारस से लेकर बलिया तक गंगा में उफान है। गंगा में आई बाढ़ के कारण देव दीपावली और गंगापार रेती पर सजने वाली टेंट सिटी का काम प्रभावित हुआ है। बलिया में गंगा चेतावनी बिंदु 56.61 मीटर पार करने के बाद 46 सेंटीमीटर ऊपर 57.07 पर बह रही हैं। अब वह लाल निशान 57.61 मीटर की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। बनारस के तटवर्ती इलाकों में भी जलस्तर बढ़ने के कारण लोग दहशत में हैं। गंगा का जलस्तर कई और सीढ़ियों को डुबोते हुए ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के रैंप सहित शीतला घाट की कई सीढ़ियां पानी में जलमग्न हो चुकी हैं। काशी में मोक्ष के लिए यानि मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए आने वाले यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बढ़ाव का कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही बरसात और यमुना का पानी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की शाम को सात बजे गंगा का जलस्तर 67.50 मीटर दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 45 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
शाम छह बजे से बढ़ाव की रफ्तार कम हुई और एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव होने लगा। लोक आस्था के महापर्व डाला छठ का विधान करने में परेशानी होगी। छठ पूजन 28 अक्तूबर को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जाएगा।
गंगा पार रेती पर टेंट सिटी बसाने की योजना पर गंगा का बढ़े जलस्तर ने बाधा खड़ी कर दी है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मध्य अक्तूबर तक गंगा का जलस्तर कम होता दिखाई नहीं पड़ रहा। इस वजह से टेंट सिटी बसाने के लिए प्रस्तावित भूमि का सीमांकन करने में कार्यदायी संस्था को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण घाट और रेती पर होने वाले आयोजन की तैयारियों पर ब्रेक लग गया है। देव दीपावली पर अनुमान लगाया जा रहा है की इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु काशी आएंगे। अभी से काशी के ज्यादातर होटल फुल हैं।