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हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी- मां श्रृंगार गौरी मुकदमे के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह एक संवेदनशील मसला है। सुप्रीम कोर्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच संबंधी हाईकोर्ट के आदेश की मेरिट परखना चाहता है।
हम सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के अनुसार शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के संबंध में ठोस तथ्यों और साक्ष्य के साथ अपना पक्ष रखेंगे। एक बार जब सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के स्तर से स्पष्ट हो जाएगा तो भगवान आदि विश्वेश्वर से जुड़ी ज्ञानवापी की आगे की लड़ाई में कोई अड़चन नहीं आएगी।
शिवलिंग जैसी आकृति वाले स्थान को पहले जिला अदालत, फिर सुप्रीम कोर्ट ने सील किया
मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश से ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिलने का दावा किया गया था। इस जगह को पहले जिला अदालत और फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किया गया है। हिंदू पक्ष ने जिला जज की अदालत में मांग की थी कि शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराई जाए।
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