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हिंदी साहित्य का गढ़ नागरी प्रचारिणी सभा में अंधेरा
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी स्थित नागरी प्रचारिणी सभा पर छाए संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। भीषण गर्मी के बीच बिल बकाया होने के कारण सभा की बिजली काट दी गई। बैंक खाता फ्रीज होने के कारण पदाधिकारी समय से बिल का भुगतान नहीं कर सके थे। पदाधिकारियों ने बिल जमा करने के लिए बैंक से अनुरोध किया है।
हिंदी साहित्य का गढ़ नागरी प्रचारिणी सभा के दुर्दिन दूर होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। नई कार्यकारिणी का गठन होने के बाद भी विवाद के कारण व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है। बुधवार को नागरी प्रचारिणी सभा की बिजली अचानक गुल हो गई। पदाधिकारियों को लगा कि बिजली में कोई खराबी आ गई है। सभा का मीटर आर्यभाषा पुस्तकालय में लगा हुआ है और पुस्तकालय में ताला लटक रहा था।
27 हजार 685 रुपये का बिल बकाया
प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल ने पुस्तकालय का ताला खुलवाकर खराबी दूर कराने का प्रयास किया लेकिन कर्मचारियों ने पुस्तकालय का ताला नहीं खोला। गुरुवार को जब बिजली निगम में खराबी की शिकायत की गई तो पता चला कि बिल बकाया होने के कारण नागरी प्रचारिणी सभा की बिजली काट दी गई है। नागरी प्रचारिणी सभा का 27 हजार 685 रुपये का बिल बकाया था। खाता फ्रीज होने के कारण बिल जमा नहीं हो सका था।
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