धर्म शब्द का गलत इस्तेमाल करने वालों ने ही सनातन परंपरा को नुकसान पहुंचाया है। हमारे ही बीच के लोगों ने भारत की संस्कृति को कमजोर किया। यह बातें रविवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में ट्रस्ट इंडिया फाउंडेशन व रोटरी क्लब ऑफ वाराणसी नॉर्थ की ओर से आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कही।
भारत राष्ट्र के सामने चुनौतियां और समाधान विषय पर आयोजित सेमिनार में सेवानिवृत्त कर्नल आरएसएन सिंह ने कहा कि सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध बहुत ही सराहनीय कदम है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख और जम्मू के लोगों में नई उर्जा का संचार हुआ है।
संस्कृति और सभ्यता बचाने के लिए आगे आना होगा आज हमारी संस्कृति को फिल्मों के माध्यम से जिस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है। ये काफी निंदनीय है। ऐसे में हमें इस दुष्प्रचार को रोकना होगा। वक्ताओं ने कहा, अपनी संस्कृति और सभ्यता बचाने के लिए हम सभी आगे आना होगा। पहले शायद यह काम हुआ होता तो ऐसी नौबत नहीं होती है। हम जिस पद्धति पर चल रहे हैं, उससे हमारा दुख दूर होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि नेताओं को लोकतंत्र में वोट लेने के लिए झूठ बोलना पड़ता है। ऐसे में अपनी संस्कृति के रक्षा के लिए हम सबको एकजुट होकर काम करना होगा। कश्मीरी एक्टीविस्ट सुशील पंडित ने कहा कि मैं वर्षों तक सोचता रहा कि कश्मीर व कश्मीर पंडितों के साथ ऐसा क्यों हुआ। कश्मीर में आज भी लोगों का निष्कासन हो रहा है, रुका नहीं है। ऐसा नहीं है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में बदलाव नहीं हुआ है। पहले से स्थितियां ठीक हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट व ज्ञानवापी मामले में वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि हम अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा नहीं दे रहे हैं। जिससे आज के नवजवान अपनी संस्कृति व सभ्यता को सही से नहीं जान पा रहा है। इन सभी बिंदुओं पर विचार के साथ ही हमें सुधार की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व ज्ञानवापी मामले में वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए सबूतों व तर्कों के आधार पर एक लड़ाई न्यायालय में लड़ रहे हैं। ज्ञानवापी मामले में हम जीत के दहलीज पर हैं।
वक्ता ज्योतिषी पवन सिन्हा ( गुरु जी) ने कहा कि हमारी संस्कृति को जितना कुचला गया। विश्व की किसी संस्कृति के साथ ऐसा नहीं हुआ। मगर, बहुत से लोग संस्कृति की रक्षा की लड़ाई में लगे हैं।
विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कार्यक्रम की शुरुआत में ज्ञानवापी मामले में केस लड़ रही हिंदू पक्ष की चार वादी महिलाओं मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी सिंह व उनके पतियों के पैर छूकर प्रणाम किया। उन्होंने हिंदू पक्ष के वादी सोहनलाल आर्य को भी पैर छूकर प्रणाम किया एवं सभी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। पढ़ें: वाराणसी में 16 से 21 अक्तूबर तक उत्तर भारत जीआई महोत्सव, कई प्रदेश के उत्पादों की प्रदर्शनी
विस्तार
धर्म शब्द का गलत इस्तेमाल करने वालों ने ही सनातन परंपरा को नुकसान पहुंचाया है। हमारे ही बीच के लोगों ने भारत की संस्कृति को कमजोर किया। यह बातें रविवार को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में ट्रस्ट इंडिया फाउंडेशन व रोटरी क्लब ऑफ वाराणसी नॉर्थ की ओर से आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कही।
भारत राष्ट्र के सामने चुनौतियां और समाधान विषय पर आयोजित सेमिनार में सेवानिवृत्त कर्नल आरएसएन सिंह ने कहा कि सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध बहुत ही सराहनीय कदम है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख और जम्मू के लोगों में नई उर्जा का संचार हुआ है।
संस्कृति और सभ्यता बचाने के लिए आगे आना होगा
आज हमारी संस्कृति को फिल्मों के माध्यम से जिस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है। ये काफी निंदनीय है। ऐसे में हमें इस दुष्प्रचार को रोकना होगा। वक्ताओं ने कहा, अपनी संस्कृति और सभ्यता बचाने के लिए हम सभी आगे आना होगा। पहले शायद यह काम हुआ होता तो ऐसी नौबत नहीं होती है। हम जिस पद्धति पर चल रहे हैं, उससे हमारा दुख दूर होने वाला नहीं है।