वाराणसी के सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में स्थित प्राचीन पुरावशेषों को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाएगा। इसे लेकर यूनेस्को की तीन सदस्यीय दल ने सारनाथ के पुरावशेषों, स्मारकों को देखने के बाद स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके लिए आभा नारायण लांबा एसोसिएट की निदेशिका आभा नारायण के नेतृत्व में वाराणसी पहुंचे तीन सदस्यीय दल में पुरातत्व विशेषज्ञ प्रो. अरविंद जाम खेटकर और बौद्ध दर्शन के प्रो. सूरज पंडित शामिल हैं। सारनाथ स्थित भारतीय पुरातत्व कार्यालय में विभाग के रीजनल डायरेक्टर पीके मिश्रा एवं पर्यटन विभाग, विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
पुरातत्व विभाग के मुख्यालय भेजी जाएगी रिपोर्ट इसमें स्मारकों के संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं पुरावशेषों के रखरखाव पर चर्चा हुई। इसके बाद पुरातात्विक खंडहर परिसर में अवलोकन कर फोटोग्राफी की। आभा नारायण लांबा ने बताया कि यूनेस्को की सूची में शामिल करने के पुरावशेषों का अवलोकन व फोटो, ऐतिहासिक महत्व की रिपोर्ट पुरातत्व विभाग के मुख्यालय नई दिल्ली भेजी जाएगी।
जहां से फरवरी में डोजियर यूनेस्को की चयनित प्रक्रिया के लिए भेजी जाएगी। बैठक में संरक्षित क्षेत्र के अवैध निर्माण पर चिंता जताई। कहा अगर ऐसे ही स्मारकों की चहारदीवारी से सटकर अवैध निर्माण होते रहे तो यूनेस्को की सूची में शामिल होने का मानक पूरा नहीं हो पाएगा।
स्मारकों की फोटो सहित ऐतिहासिक महत्व एवं तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट भेजी फरवरी माह में भेजी जाएगी। बैठक में पर्यटन अधिकारी नितिन द्विवेदी, अधीक्षण पुरातत्वविद अविनाश मोहंती आदि शामिल रहे।
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वाराणसी के सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में स्थित प्राचीन पुरावशेषों को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाएगा। इसे लेकर यूनेस्को की तीन सदस्यीय दल ने सारनाथ के पुरावशेषों, स्मारकों को देखने के बाद स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके लिए आभा नारायण लांबा एसोसिएट की निदेशिका आभा नारायण के नेतृत्व में वाराणसी पहुंचे तीन सदस्यीय दल में पुरातत्व विशेषज्ञ प्रो. अरविंद जाम खेटकर और बौद्ध दर्शन के प्रो. सूरज पंडित शामिल हैं। सारनाथ स्थित भारतीय पुरातत्व कार्यालय में विभाग के रीजनल डायरेक्टर पीके मिश्रा एवं पर्यटन विभाग, विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
पुरातत्व विभाग के मुख्यालय भेजी जाएगी रिपोर्ट
इसमें स्मारकों के संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं पुरावशेषों के रखरखाव पर चर्चा हुई। इसके बाद पुरातात्विक खंडहर परिसर में अवलोकन कर फोटोग्राफी की। आभा नारायण लांबा ने बताया कि यूनेस्को की सूची में शामिल करने के पुरावशेषों का अवलोकन व फोटो, ऐतिहासिक महत्व की रिपोर्ट पुरातत्व विभाग के मुख्यालय नई दिल्ली भेजी जाएगी।