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वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट में फूलपुर के जिस वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई, वही इस आतंकी वारदात का मास्टर माइंड था। बम धमाकों को अंजाम देने वाले दहशतगर्दों को पनाह देने के साथ ही बम प्लांट करने के लिए स्पॉट भी उसी ने चुने थे। इसके लिए वह घटना से तीन दिन पहले यानी चार मार्च को वाराणसी जाकर रेकी थी। उसके साथ बम प्लांट करने वाले आतंकियों में शामिल बशीरुद्दीन भी था। वल्लीउल्लाह ने उसके साथ मिलकर ही संकटमोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट को बम रखने के लिए चुना था।
वाराणसी में सीरियल बम धमाके सात मार्च 2006 को हुए थे। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि इसके लिए प्लानिंग कई दिनों पहले ही शुरू हो गई थी। साथ ही जिन तीन आतंकियों बशीरुद्दीन, जकारिया व मुस्तकीम को बम विस्फोट करना था, वह चार दिन पहले ही प्रयागराज आ गए थे।
तीनों बांग्लादेश के रहने वाले थे और आतंकी संगठन हूजी के संपर्क में थे। तीन मार्च को वह प्रयागराज पहुंचे, जहां से उन्हें वलीउल्लाह पहले अपने घर ले गया। इसके बाद उसने ही तीनों को फूलपुर कस्बे में ही एक कमरा दिलवाया। उस दौरान उसने बताया कि तीनों उसके जानने वाले हैं, जिनसे उसकी तब से जान पहचान है जब वह देवबंद में तालीम लेने के लिए गया था।
घूम-घूमकर तय किए स्पॉट
सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस को पूछताछ में वलीउल्लाह ने कई अहम राज बताए थे। इसी के तहत उसने बताया था कि सात मार्च को बम धमाकों से तीन दिन पहले भी वह वाराणसी गया था, जहां उसने रेकी की थी। उसने बताया था कि तीन मार्च को तीनों आतंकियों के आने के अगले ही दिन वह उन्हें लेकर इलाहाबाद पहुंचा था। मुस्तकीम व जकारिया को उसने वहीं छोड़ दिया और बशीर को लेकर उसी दिन वाराणसी चला गया। वहां दोनों ने घूम-घूमकर बम प्लांट करने के लिए स्पॉट चुना। इसमें संकटमोचन मंदिर के साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन व दशाश्वमेध घाट शामिल थे। रेकी के बाद दोनों वापस लौट आए।
फूलपुर में ही भरे प्रेशर कुकरों में विस्फोटक
वाराणसी से लौटने के बाद बशीर ने अपने दोनों साथियों संग मिलकर तीन प्रेशर कुकर खरीदे और फूलपुर वापस चले गए। वहां उन्होंने प्रेशर कुकरों में विस्फोटक पदार्थ भरे। इसके बाद सात मार्च को तीनों कुकर लेकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस से वाराणसी के लिए रवाना हो गए। वाराणसी बम धमाकों के बाद गिरफ्तार किए जाने वाले वलीउल्लाह ने सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस अफसरों के सामने पूछताछ में यह खुलासे किए थे।
बांग्लादेश जाकर ली थी ट्रेनिंग, हूजी कमांडर ने किया था ब्रेनवॉश
वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड वलीउल्लाह ने बांग्लादेश जाकर दहशतगर्दी की ट्रेनिंग ली थी। वाराणसी में बम प्लांट करने वाले तीन आतंकियों में से एक बशीरुद्दीन, जो उसका दोस्त भी था, उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया था। जहां उसने उसकी मुलाकात हूजी कमांडर मौलाना असदुल्लाह से कराई थी। असदुल्लाह ने न सिर्फ वलीउल्लाह का ब्रेनवाश किया बल्कि दहशतगर्दी की वारदातों को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग भी दी। साथ ही उसे पूर्वी यूपी में आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग व अंजाम देने के लिए हूजी का प्रभारी भी बना दिया।
जानकार बताते हैं कि, पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि वलीउल्लाह ने देवबंद में जाकर तालीम हासिल की थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात बशीरुद्दीन से हुई थी। तालीम हासिल करने के बाद वह वापस चला आया लेकिन कुछ समय बाद बशीरुद्दीन ने उससे फिर संपर्क किया। दरअसल देवबंद में रहने के दौरान दोनों साथी बन गए थे। संपर्क करने के बाद वह उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया। वहां उसने वलीउल्लाह की मुलाकात हूजी कमांडर मौलाना असदुल्लाह से कराई। हूजी कमांडर ने तरह-तरह से बरगलाकर उसका ब्रेनवाश किया।
साथ ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग भी दी। यही नहीं उसे यह जिम्मा भी सौंपा कि वह वापस जाकर युवाओं को तैयार करे जिससे उन्हें ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा जा सके। वापस आने के बाद वलीउल्लाह ने हूजी कमांडर के कहने के अनुसार ही पांच लड़कों को बरगलाकर ट्रेनिंग के लिए भेजा भी। इसके बाद फरवरी में हूजी के कुछ एजेंट्स ने मऊआइमा में आकर वलीउल्लाह से मुलाकात की। इसी मीटिंग में बताया गया कि हूजी कमांडर असदुल्लाह जल्द ही तीन प्रशिक्षित लड़ाकों को बांग्लादेश से भेजेगा। जो आतंकी वारदात को अंजाम देंगे।
विस्तार
वाराणसी सीरियल बम ब्लास्ट में फूलपुर के जिस वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई, वही इस आतंकी वारदात का मास्टर माइंड था। बम धमाकों को अंजाम देने वाले दहशतगर्दों को पनाह देने के साथ ही बम प्लांट करने के लिए स्पॉट भी उसी ने चुने थे। इसके लिए वह घटना से तीन दिन पहले यानी चार मार्च को वाराणसी जाकर रेकी थी। उसके साथ बम प्लांट करने वाले आतंकियों में शामिल बशीरुद्दीन भी था। वल्लीउल्लाह ने उसके साथ मिलकर ही संकटमोचन मंदिर, दशाश्वमेध घाट को बम रखने के लिए चुना था।
वाराणसी में सीरियल बम धमाके सात मार्च 2006 को हुए थे। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि इसके लिए प्लानिंग कई दिनों पहले ही शुरू हो गई थी। साथ ही जिन तीन आतंकियों बशीरुद्दीन, जकारिया व मुस्तकीम को बम विस्फोट करना था, वह चार दिन पहले ही प्रयागराज आ गए थे।
तीनों बांग्लादेश के रहने वाले थे और आतंकी संगठन हूजी के संपर्क में थे। तीन मार्च को वह प्रयागराज पहुंचे, जहां से उन्हें वलीउल्लाह पहले अपने घर ले गया। इसके बाद उसने ही तीनों को फूलपुर कस्बे में ही एक कमरा दिलवाया। उस दौरान उसने बताया कि तीनों उसके जानने वाले हैं, जिनसे उसकी तब से जान पहचान है जब वह देवबंद में तालीम लेने के लिए गया था।
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