ठेले पर सब्जी की खरीदारी करते लोग – फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी में हरी सब्जियों के दाम में भारी गिरावट आने से ग्राहकों का दिल गार्डन-गार्डन हो गया है। आलम यह है कि दो सप्ताह पहले 100 रुपये किलो बिकने वाली मटर 35 प्रति किलो बिकने लगी है। वहीं 40 से 50 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आवक बढ़ने से मंडियों में सब्जियों के भाव काफी गिर गए हैं। इससे खरीदारों को राहत मिली है, जबकि किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है।
दो सप्ताह पहले किसानों को सब्जियों की कीमत अच्छी मिल रही थी। इधर, मंडी में सब्जी ज्यादा मात्रा में पहुंचने लगी। अचानक आवक बढ़ने से कीमत कम मिलने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि इस कीमत में सब्जी बेचने से लागत नहीं निकल पा रही है। आढ़तियों के अनुसार, विदेशों में भी सब्जियों की मांग कम होने से रेट ठीक नहीं मिल रहा है।
लागत और अपनी मेहनत निकालना मुश्किल पिंडरा के सब्जी विक्रेता ओम प्रकाश पटेल ने कहा कि मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक बढ़ गई है। अब शादी का सीजन भी खत्म हो गया है। रेट काफी घटने से नुकसान हो रहा है। लागत और अपनी मेहनत निकालना मुश्किल हो रहा है। संतोष यादव ने कहा कि हरी मिर्च मंडी में थोक में 20 से 22 रुपये किलो और फुटकर 30 रुपये किलो बिक रही है।
इस रेट में तो लागत नहीं निकल पा रही है। इस बार रेट ठीक नहीं मिलने से उम्मीद पर पानी फिर रहा है। पंचकोसी सट्टी के निर्यातक आढ़ती हौसला प्रसाद ने कहा कि मंडी में सब्जियों के भाव काफी कम हो गए है। विदेश में भी मांग कम हो गई। इससे निर्यात करने पर भी कोई फायदा नहीं है।
सब्जी पहले अब नया आलू 40 18 प्याज 25 20 हरी मिर्च 40 30 हरी मटर 150 35-40 टमाटर 40 से 60 10 से 20 कोहड़ा 30 25 बोड़ा 60 40 करेला 60 40 भिंडी 80 50 पालक 30 20 फूलगोभी साइज पर 10 से 30 रुपये तक दाम
वाराणसी में हरी सब्जियों के दाम में भारी गिरावट आने से ग्राहकों का दिल गार्डन-गार्डन हो गया है। आलम यह है कि दो सप्ताह पहले 100 रुपये किलो बिकने वाली मटर 35 प्रति किलो बिकने लगी है। वहीं 40 से 50 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आवक बढ़ने से मंडियों में सब्जियों के भाव काफी गिर गए हैं। इससे खरीदारों को राहत मिली है, जबकि किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है।
दो सप्ताह पहले किसानों को सब्जियों की कीमत अच्छी मिल रही थी। इधर, मंडी में सब्जी ज्यादा मात्रा में पहुंचने लगी। अचानक आवक बढ़ने से कीमत कम मिलने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि इस कीमत में सब्जी बेचने से लागत नहीं निकल पा रही है। आढ़तियों के अनुसार, विदेशों में भी सब्जियों की मांग कम होने से रेट ठीक नहीं मिल रहा है।
लागत और अपनी मेहनत निकालना मुश्किल
पिंडरा के सब्जी विक्रेता ओम प्रकाश पटेल ने कहा कि मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक बढ़ गई है। अब शादी का सीजन भी खत्म हो गया है। रेट काफी घटने से नुकसान हो रहा है। लागत और अपनी मेहनत निकालना मुश्किल हो रहा है। संतोष यादव ने कहा कि हरी मिर्च मंडी में थोक में 20 से 22 रुपये किलो और फुटकर 30 रुपये किलो बिक रही है।