हिंसा की आग में फिर जला मणिपुर, इंफाल घाटी में कर्फ्यू, कई घायल

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हिंसा की चिंगारी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर मणिपुर में हिंसा की आग धधक उठी। प्राप्त जानकारी के अनुसार मणिपुर में इम्फाल पश्चिम के सेनजम चिरांग में हथियारबंद कुकी बदमाशों के हमले में गुरुवार को मणिपुर पुलिस के एक जवान समेत दो लोग घायल हो गये। मणिपुर में हिंसा फिर से उस समय भड़क उठी, जब कुछ संगठनों ने एक अन्य जातीय समूह के इलाके में शवों को दफनाने की कोशिश की।

इसी दौरान सेनजम चिरांग में हथियारबंद कुकी बदमाशों के हमले में एक पुलिसकर्मी समेत दो लोग घायल हो गये। इस बीच मणिपुर सरकार ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में कर्फ्यू रद्द करने की घोषणा की। इससे पहले आज रात आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का फैसला लिया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लैंगोल में घरों को जलाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फोउगाकचाओ इलाके में झड़पों के बाद सेना तथा त्वरित कार्रवाई बल (आरपीएफ) ने बृहस्पतिवार को आंसू गैस के गोले छोडे, जिसमें 17 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट ने कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया है और एहतियात के तौर पर आज पाबंदियां लागू की है। इंफाल घाटी में रात्रिकालीन कर्फ्यू पहले ही लागू है। झड़पों से पहले मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों के अंतिम संस्कार को रोक दिया गया। उच्च न्यायालय ने चुराचांदपुर में प्रस्तावित अंत्येष्टि स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का बृहस्पतिवार सुबह आदेश दिया।

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कुकी-जो समुदाय का संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) भी 35 लोगों के अंतिम संस्कार को स्थगित करने पर सहमत हो गया। बिष्णुपुर जिले में हजारों स्थानीय लोगों के सुरक्षा बलों की आवाजाही बाधित करने के लिए सड़कों पर उतरने के कारण सुबह से ही तनाव व्याप्त है। महिलाओं की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने सेना तथा आरएएफ जवानों द्वारा लगाए अवरोधकों को पार करने की कोशिश की। वे अंत्येष्टि स्थल तुइबुओंग तक जाने की अनुमति मांग रहे हैं।

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