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धनीपुर मंडी पहुचें डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एएसपी पुनीत द्विवेदी, एडीएम वित्त मीनू राणा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ में निकाय चुनाव समाप्ति के बाद धनीपुर मंडी स्थित स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम की सीसीटीवी कैमरों एवं पैरा मिलिट्री फोर्स के साए में सुरक्षा होगी। यहां ईवीएम की सुरक्षा को त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां बैरीकेडिंग, फायर सेफ्टी आदि उपकरणों की उपलब्धता के साथ ही जोनल, सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं सुरक्षा बलों की पालीवार ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षा इतनी कड़ी है कि स्ट्रांग रूम की ओर किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं होगी।
ईवीएम की देखरेख के लिए चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों ने भी अपने अपने कैंप लगा लिए हैं। जो 200 मीटर की दूरी से हरेक गतिविधि पर नजर रखेंगे। जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं सुरक्षा बलों की पाली वार ड्यूटी लगायी गई है। उपजिला निर्वाचन अधिकारी मीनू राणा ने बताया कि स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम वीवीपैट की चक्रवार सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था मतगणना होने तक रहेगी। तहसील मुख्यालयों पर मतदान के बाद मतपेटिकाओं को सुरक्षित रखवा दिया गया है।
72 टेबिलों पर होगी नगर निगम की मतगणना
शांति पूर्वक चुनाव संपन्न होने के बाद प्रशासन ने अब मतगणना की तैयारियां शुरू कर दी है। सहायक निर्वाचन अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि नगर निगम की मतगणना के लिए कुल 72 टेबिल लगायी जाएंगी। जिसमें महापौर एवं पार्षद पद के लिए 36-36 टेबिलें लगायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि कोल तहसील की नगर पंचायत मडराक, हरदुआगंज, जलाली, पिलखना की मतगणना के लिए अलग से टेबिल लगायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि अतरौली, खैर, गभाना, इगलास तहसील से जुड़ी नगर पंचायत एवं नगर पालिकाओं की मतगणना स्थानीय स्तर पर ही होगी। इसके लिए वहां सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
प्रत्याशियों से नाराज हो खूब दबाया नोटा
मतदान के दौरान मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली है। प्रत्याशियों को लेकर नाराज मतदाताओं ने ईवीएम से वोटों के साथ ही इस बार नोटा की भी वर्षा की है। इससे चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों का गणित गड़बड़ा सकता है। मतदाताओं में प्रत्याशियों को लेकर कितनी नाराजगी रही इसकी सही तस्वीर तो शनिवार को मतगणना के बाद ही साफ हो सकेगी, लेकिन मतदान में नोटा का बटन दबने की खूब चर्चा है।
जिले में कुछ पोलिंग बूथों पर कुछ मतदाताओं को प्रत्याशी पसंद नहीं आए तो उन्होंने अपनी नाराजगी दर्शाते हुए ईवीएम में नोटा का बटन दबाया है। मतगणना के दौरान यह सबसे दिलचस्प आंकड़ा सामने आएगा कि कितने मतदाताओं ने इस बार नोटा के अधिकार का प्रयोग किया है। यदि ज्यादा नोटा दबा तो यह प्रत्याशियों के जीत के आंकड़ों के खेल को भी बिगाड़ सकता है।
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