Vrindavan: शरद पूर्णिमा पर बंसी धारण करेंगे ठाकुर बांकेबिहारी, मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाया गया

0
22

[ad_1]

श्वेत वस्त्रों से सजाया गया मंदिर

श्वेत वस्त्रों से सजाया गया मंदिर
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिन ठाकुरजी स्वेत वस्त्र धारण कर मोर, मुकुट, कटि-काछिनी के साथ बंशी धारण करेंगे। प्रभु को खीर और चंद्रकला का भोग लगाया जाएगा। दिव्य दर्शनों की अभिलाषा लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए सुबह और शाम एक-एक घंटे दर्शनों का समय बढ़ाया गया है। 

मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर देश-विदेश से लाखों भक्त आराध्य के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं। मंदिर को सफेद कपड़े, फूलों, गुब्बारों से सजाया गया है। मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर भक्तों की सुविधा को देखते हुए एक-एक घंटा अतिरिक्त समय दर्शनों के लिए उपलब्ध होगा। राजभोग आरती अपराह्न 11.55 के स्थान पर दोपहर 12.55 पर होगी। इसके बाद 1 बजे दर्शन बंद होंगे। शयनभोग आरती रात 9:25 बजे के स्थान पर 10:25 बजे होगी और दर्शन 10:30 बजे बंद होंगे। 

रंगनाथ मंदिर में भी होगा कार्यक्रम 

रंगनाथ मंदिर में ठाकुर गोदा रंगमन्नार शरद पूर्णिमा पर रजत निर्मित सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को कृतार्थ करेंगे। शास्त्रीय संगीत जगत की हस्तियां अपनी साधना ठाकुर जी को समर्पित करेंगी। नौ अक्तूबर को श्री रंगनाथ मंदिर में भक्ति रस की अद्भुत सरिता प्रवाहित होगी। 

यह भी पढ़ें -  Agra University: पीएचडी में प्रवेश के लिए चयनित अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित, जानें शुल्क जमा करने की तिथि

संध्याकाल में ठाकुर श्री गोदा रंगमन्नार भगवान दिव्य श्वेत वस्त्राभूषण से अलंकृत होकर रजत निर्मित चंद्र वाहन पर विराजित होंगे। ध्रुपद गायकी के फनकार पद्मश्री उस्ताद वसीफुद्दीन डागर ठाकुरजी के पदों का गायन करेंगे। पखावज वादक पंडित मोहन श्याम शर्मा वादन करेंगे। समापन पर डॉक्टर श्रीधर वासुदेवन भरत नाट्यम की विविध भंगिमाओं से ठाकुर जी को रिझाएंगे।

विस्तार

वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिन ठाकुरजी स्वेत वस्त्र धारण कर मोर, मुकुट, कटि-काछिनी के साथ बंशी धारण करेंगे। प्रभु को खीर और चंद्रकला का भोग लगाया जाएगा। दिव्य दर्शनों की अभिलाषा लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए सुबह और शाम एक-एक घंटे दर्शनों का समय बढ़ाया गया है। 

मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर देश-विदेश से लाखों भक्त आराध्य के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं। मंदिर को सफेद कपड़े, फूलों, गुब्बारों से सजाया गया है। मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर भक्तों की सुविधा को देखते हुए एक-एक घंटा अतिरिक्त समय दर्शनों के लिए उपलब्ध होगा। राजभोग आरती अपराह्न 11.55 के स्थान पर दोपहर 12.55 पर होगी। इसके बाद 1 बजे दर्शन बंद होंगे। शयनभोग आरती रात 9:25 बजे के स्थान पर 10:25 बजे होगी और दर्शन 10:30 बजे बंद होंगे। 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here