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World No Tobacco Day 2023
– फोटो : istock
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तंबाकू के सेवन से केवल मुंह और गला ही नहीं फेफड़ा भी खराब हो रहा है। इसमें लापरवाही बरतने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। बीएचयू अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट में हर दिन 60 से 70 लोग इस तरह की समस्या लेकर पहुंच रहे हें। चिकित्सक के अनुसार इसमें आधे से अधिक युवा हैं, जिनकी उम्र 25 से 40 साल तक हैं। महिलाएं भी इसकी चपेट में हैं। समय रहते तंबाकू छोड़ दिया जाए तो इस बीमारी से निजात मिल जाएगी।
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तंबाकू से लोगों को छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नही। बीएचयू दंत चिकित्सा संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. टीपी चतुर्वेदी के अनुसार धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। इस वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसमें सांस फूलना, टीबी, माइग्रेन, सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस आदि शामिल हैं। अस्पताल आने वालों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है।
ओपीडी में परामर्श, भर्ती होते हैं गंभीर मरीज
बीएचयू टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोहित भाटिया के अनुसार 200 से 300 मरीजों की ओपीडी में 60 से 70 लोग धूम्रपान की समस्या वाले आते हैं। ऐसे लोगों में प्राथमिक जांच के बाद सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रेटिक पल्मोनरी डिजीज) यानी सांस फूलने की बीमारी मिल रही है। ओपीडी में परामर्श देने के साथ ही गभीर मरीजों को भर्ती भी किया जाता है। न केवल मरीज बल्कि उसके साथ आने वाले तीमारदार को भी इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाता है। तंबाकू चबाने में ही नहीं धूम्रपान में प्रयोग होता है। यह और भी खतरनाक होता है। एक अध्ययन के अनुसार वैश्विक स्तर पर तंबाकू का सेवन करने वाले हर साल 80 लाख लोग मर जाते हैं। अगर कोई सिगरेट पी रहा है और उसके बगल में खड़े भी हैं तो वह भी धुआं अंदर जाकर सांस लेने में परेशानी को बढ़ा देता है, इसे पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जितना दूर रहेंगे, उतनी ही खुशहाल जीवन जीएंगे।
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