आजमगढ़: मौसम की सटीक जानकारी को जिले में लगेगा डाप्लर रडार

0
45

[ad_1]

डाप्लर रडार की प्रतिकांतमक फोटो।

डाप्लर रडार की प्रतिकांतमक फोटो।
– फोटो : AZAMGARH

आजमगढ़। जिले में मौसम विज्ञान केंद्र नहीं है। इससे मौसम की सही जानकारी नहीं मिल पाती है तो वहीं आपदा के दौरान जन व धन हानि पर भी लगाम नहीं लग पाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योकि शासन ने जिले में मौसम की सटीक जानकारी के लिए डाप्लर राडार लगाने का निर्णय लिया है। जल्द ही इसे लगाने की कवायद शुरू होगी केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के सहयोग से अब अपने जिले में भी डाप्लर राडार लगाए जाने की रणनीति प्रदेश सरकार ने तय की है। फिलहाल जिले में मौसम विज्ञान विभाग का कोई केंद्र नहीं है। कोटवा स्थित कृषि महाविद्यालय में कुछ दिनों पूर्व निम्न स्तर पर इसका संचालन शुरू किया गया था। जिससे तापमान आदि की ही जानकारी हो पाती थी। वर्तमान में मैन फोर्स की कमी के चलते उसका संचालन बंद है। वहीं वर्तमान में जो डाप्लर राडार जिले के आसपास में लगे है वह चार से पांच सौ किमी की दूरी पर है। जिससे जिले की सटीक जानकारी नहीं हो पाती है। सरकार ने पूरे देश को डाप्लर रडार की जद में लाने की योजना तैयार की है। वर्तमान में देश में लगभग 37 डाप्लर राडार लगे है और अब प्रदेश सरकार इसकी संख्या को और बढ़ाने की तैयारी में है। डाप्लर रडार की मदद से मौसम विभाग को 400 किमी क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव की सटीक जानकारी मिलेगी। यह रडार डाप्लर प्रभाव का इस्तेमाल कर साइज में सबसे छोटी दिखने वालीं अतिसूक्ष्म तरंगो को भी कैच कर सकती है। जब यह तरंग किसी भी चीज से टकरा कर लौटती है तो यह रडार उसकी दिशा को आसानी से पहचान लेती है। इसके साथ यह हवा में तैर रहे माइक्रोस्कोपिक पानी की बूंदों को पहचानने के साथ ही उनकी दिशा का भी पता लगाने में सक्षम है। डाप्लर राडार बूंदों के आकार, उनके रफ्तार से संबंधित जानकारी को हर मिनट अपडेट करता है। जिससे डाटा के आधार पर यह पता लगाने में आसानी होगी कि किस क्षेत्र में कितनी वर्षा होगी या तूफान आएगा। कृषि महाविद्यालय, कोटवा के अधिष्ठाता धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महाविद्यालय में मौसम की जानकारी के लिए सूक्ष्म व्यवस्था है, लेकिन इससे मात्र अधिकतम, न्यूनतम तापमान आदि की ही जानकारी हो पाती है। डाप्लर राडार के बाबत अभी कोई पत्र शासन से नहीं मिला है। यदि ऐसा कोई पत्र मिलता है तो शासन के निर्देशानुसार कवायद की जाएगी।

यह भी पढ़ें -  तो ऐसा खाना खाते हैं सिपाही: मेस के खाने में कच्ची रोटी, दाल का हाल इतना बेहाल कि एसपी साहब हुए 'फायर'

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here