वाराणसी से चलेंगे मालवाहक जहाज: गंगा में लगेगा नाइट नेविगेशन सिस्टम, पटना-फरक्का जलमार्ग के तर्ज पर होगा तैयार

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जहाज, जलमार्ग

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– फोटो : पेक्सेल्स

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देश के सबसे लंबे जलमार्ग वाराणसी से डिब्रूगढ़ (बोगीबील) तक जनवरी माह से मालवाहक जहाजों का संचालन शुरू हो जाएगा। जलमार्ग पर जहाजों के 24 घंटे सुगम यातायात के लिए नाइट नेविगेशन सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भाअजप्रा) वाराणसी-गाजीपुर-मझऊआं-बाढ़ जलमार्ग को पटना-फरक्का जलमार्ग की तर्ज पर तैयार करेगा। शुक्रवार को सर्किट हाउस में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में यातायात विस्तार पर आयोजित ट्रेड मीट में वाराणसी जलमार्ग से निर्यात की संभावनाओं पर लंबी चर्चा हुई।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी सुधांशु पंत ने बैठक में बताया कि जनवरी 2023 से हर महीने मालवाहक जहाजों का संचालन वाराणसी से शुरू कराया जाएगा। इसमें पूर्वांचल के जीआई उत्पादों के निर्यात को जलमार्ग से जोड़कर इसे बढ़ावा देने की पहल की जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभागों की ओर से सुझाव लेकर जलमार्ग प्राधिकरण अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा।
बैठक में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि  विभिन्न प्रकार के अनाज वाराणसी से निर्यात होते है जिसके लिये जलमार्ग का उपयोग जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को निर्यात होने वाले उत्पाद तथा उनके मार्गों का विवरण उपलब्ध हो सके तो वाराणसी जलमार्ग से निर्यात किया जाना और भी समृद्ध होगा।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेशन (इफ़को) के प्रतिनिधि ने जलमार्ग के जरिए खाद व यूरिया का निर्यात से समय से कराने के लिए गंगा में 24 घंटे जहाजों के संचालन का सुझाव दिया। इस पर जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई।
साल में 300 दिन संचालन के लिए तैयार है जलमार्ग
जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह ने बताया कि वाराणसी-कोलकाता जलमार्ग वर्ष में 300 दिन संचालन के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गंगा विलास वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इसमें 10 जनवरी से 13 जनवरी तक गंगा विलास के यात्रियों को काशी दर्शन कराया जाएगा और 13 को यहां से रवाना होने से पहले भव्य आयोजन भी होगा।

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अप्रैल से काशी के घाटो को जोड़ते हुए सोलर वाटर टैक्सी के संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले महीने इसकी निविदा जारी की जाएगी और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर इसका संचालन किया जाएगा। वाराणसी कोलकाता व डिब्रूगढ़ जलमार्ग को विकसित करने के लिए हम सब विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं।
कौशल राज शर्मा, मंडलायुक्त

विस्तार

देश के सबसे लंबे जलमार्ग वाराणसी से डिब्रूगढ़ (बोगीबील) तक जनवरी माह से मालवाहक जहाजों का संचालन शुरू हो जाएगा। जलमार्ग पर जहाजों के 24 घंटे सुगम यातायात के लिए नाइट नेविगेशन सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भाअजप्रा) वाराणसी-गाजीपुर-मझऊआं-बाढ़ जलमार्ग को पटना-फरक्का जलमार्ग की तर्ज पर तैयार करेगा। शुक्रवार को सर्किट हाउस में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में यातायात विस्तार पर आयोजित ट्रेड मीट में वाराणसी जलमार्ग से निर्यात की संभावनाओं पर लंबी चर्चा हुई।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी सुधांशु पंत ने बैठक में बताया कि जनवरी 2023 से हर महीने मालवाहक जहाजों का संचालन वाराणसी से शुरू कराया जाएगा। इसमें पूर्वांचल के जीआई उत्पादों के निर्यात को जलमार्ग से जोड़कर इसे बढ़ावा देने की पहल की जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभागों की ओर से सुझाव लेकर जलमार्ग प्राधिकरण अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा।

बैठक में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि  विभिन्न प्रकार के अनाज वाराणसी से निर्यात होते है जिसके लिये जलमार्ग का उपयोग जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को निर्यात होने वाले उत्पाद तथा उनके मार्गों का विवरण उपलब्ध हो सके तो वाराणसी जलमार्ग से निर्यात किया जाना और भी समृद्ध होगा।

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेशन (इफ़को) के प्रतिनिधि ने जलमार्ग के जरिए खाद व यूरिया का निर्यात से समय से कराने के लिए गंगा में 24 घंटे जहाजों के संचालन का सुझाव दिया। इस पर जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई।



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