विद्युतकर्मियों की हड़ताल: अंधेरे में डूबे शहर व गांव, पानी की किल्लत, जनरेटर और हैंडपंपों का सहारा

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 विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल से पश्चिमी यूपी में बिजली संकट बढ़ता जा रहा है। शनिवार को बारिश के कारण फाल्ट हो गए। इनके समय से ठीक न होने से आधे शहर की बिजली गुल हो गई। दोपहर ढाई बजे से रात साढ़े दस बजे तक भी कई इलाकों में आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी। पीवीवीएनएल ने हड़ताल में शामिल मेरठ जोन के 140 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने के लिए संबंधित कंपनी को पत्र लिखा है। बिजली नहीं आने के कारण जागृति विहार, साकेत, देवलोक, ब्रह्मपुरी, बेगमपुल, कांठ का पुल, जाकिर काॅलोनी, मोहिउद्दीनपुर समेत कई क्षेत्रों में पानी भी नहीं मिला। वहीं मुजफ्फरनगर में भी विद्युत आपूर्ति बाधित होने के मामले में एसडीएम सदर परमानंद झा की तहरीर पर 10 कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आगे विस्तार से जानें पश्चिमी यूपी में कैसे ठप पड़ी है बिजली व्यवस्था।



मेरठ में पीवीवीएनएनएल और जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम पर फाल्ट संबंधी शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। शनिवार शाम तक कंट्रोल रूम पर शहर की 454 से अधिक शिकायतों का निस्तारण समय से नहीं हो सका। शनिवार को मेरठ जोन में 250 बार ब्रेकडाउन हुआ। 14 जिलों की 10 हजार से अधिक शिकायतें कंट्रोल रूम पर दर्ज कराई गई हैं। शनिवार शाम 7 बजे तक 5800 शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाया।  

उधर विद्युत कर्मचारी ऊर्जा भवन पर धरने पर डटे रहे। मुख्य अभियंता अनुराग अग्रवाल ने बताया कि हड़ताल के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित है। बारिश के बाद मुसीबत और बढ़ गई है। हड़ताल में शामिल होने वाले 140 संविदा कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। सोमदत्त सिटी निवासी सतीश चंद्र त्यागी का कहना है कि कॉलोनी में बिजली न होने के कारण शाम के समय पानी की भी आपूर्ति नहीं हो पाई। लोगों को परेशान होना पड़ा। 

शिवाजी रोड निवासी लोकेश चंद्रा का कहना है कि लाइट नहीं होने के कारण इनवर्टर ठप हो गया है। पानी के लिए भी इधर-उधर चक्कर काटने पड़ रहे हैं।  रशीदनगर के शाहिद अब्बासी ने बतायाकि कई बार अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। 


मुजफ्फरनगर में विद्युत आपूर्ति में बाधक बनने पर 10 संविदा कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा का मुकदमा दर्ज

एसडीएम सदर परमानंद झा ने विद्युत आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित करने के आरोप में 10 संविदा कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक सेवा रख रखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि व्यवधान पैदा कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसडीएम ने शहर कोतवाली में तहरीर दी थी कि विद्युत संविदा कर्मचारियों द्वारा विरोध कर विद्युत उपकेंद्रों की विद्युत आपूर्ति बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। अन्य कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर नहीं आने दिया जा रहा है। विद्युत व्यवस्था ठप करने के लिए उकसाया जा रहा है। जिस कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो रही हैं। इस कार्य में विद्युत उपकेंद्र जिला सरंक्षक जगरोशन लाल, न्यू रुड़की रोड विद्युत उपकेंद्र गुलजार अहमद, उपकेंद्र ककरौली शहजाद आलम, उपकेंद्र मिमलाना बाबू कुमार, उपकेंद्र रामपुर तिराहा नवनीत कुमार, उपकेंद्र रुड़की रोड भवनेश भारद्वाज, मंडी समिति नई मंडी उपकेंद्र प्रताप कुमार, उपकेंद्र गांधी कालोनी कृष्णपाल, उपकेंद्र बरला छपार सचिन कुमार, पुरकाजी सनेज का नाम सामने आया है।

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सहारनपुर में विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते शहर से लेकर देहात तक बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई। आंधी और बारिश से हालात और अधिक खराब हुए। लाइनों में फाल्ट से शहर में 10 घंटे तो देहात के 800 से अधिक गांवों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति ठप रही। महानगर में बिजली नहीं आने से नलकूप नहीं चले, जिस कारण सुबह लोग पानी के लिए तरस गए। नागरिकों के इन्वर्टर जवाब दे गए। वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं आई।

 कंट्रोल रूम में पहुंची 200 से अधिक शिकायत

घंटाघर स्थित विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के पास जनपदीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते कंट्रोल रूम में शिकायतें आ रही हैं। शनिवार को 200 से अधिक बिजली नहीं आने, कनेक्शन कटने आदि की शिकायत पहुंचीं।

 नगर निगम के टैंकरों से कराई पानी की सप्लाई

विद्युत कर्मियों की हड़ताल से बिजली गुल हुई तो लोग पानी के लिए भी तरस गए। इसके बाद पूर्व पार्षद मंसूर बदर ने नगर निगम से पानी के तीन टैंकर बुलाए और उन्हें सराय शाहजी और मछियारान में खड़ा कराया। तब जाकर अन्य क्षेत्रों में पानी की सप्लाई की गई।


शामली जनपद में विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल में संविदाकर्मियों को शामिल होना भारी पड़ गया है। डीएम रविंद्र कुमार के आदेश पर 17 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। आगरा की कंपनी ने उनको सेवा से बाहर कर दिया है।

डीएम ने बताया कि जनपद में विद्युत विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कोई कटौती नहीं हो रही है। रोस्टर के अनुसार विद्युत सप्लाई की जा रही है। डीएम ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस दौरान विद्युत सप्लाई बाधित नहीं होनी चाहिए। साथ ही यदि कहीं पर कोई इमरजेंसी होती है तो उसे भी तत्काल दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा सभी उप केंद्रों पर सुरक्षा व विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस की तैनाती के साथ ही नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं। किसी भी प्रकार की समस्या के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूप की स्थापना की गई है। विद्युत विभाग के संविदाकर्मी जो हड़ताल में शामिल होंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यदि किसी भी विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ने कार्य में बाधा पहुंचाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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