न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 21 Apr 2022 11:25 PM IST
सोना तस्करी मामले में आरोपी पीयूष जैन की जमानत अर्जी प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा ने खारिज कर दी। पीयूष की ओर से अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने तर्क रखा था कि पीयूष के पास से 23 किलो सोने की बरामदगी दिखाई गई है।
बरामद सोने की खरीद के संबंध में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पास कोई ठोस सुबूत नहीं है। डीजीजीआई ने उसके घर से विदेशी सोना बरामद किया है। पीयूष का अपराध देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने वाला है। उसे जमानत देने से कस्टम ड्यूटी की चोरी करने वालों का हौसला बढ़ेगा।
इन्हीं टिप्पणियों के साथ सोना तस्करी मामले में आरोपी पीयूष जैन की जमानत अर्जी प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा ने खारिज कर दी। पीयूष की ओर से अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने तर्क रखा था कि पीयूष के पास से 23 किलो सोने की बरामदगी दिखाई गई है।
इसमें से 11 किलो सोने पर कोई विदेशी मुहर नहीं है। डीआरआई (डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के पास सोना तस्करी के पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। पीयूष अभ्यस्त अपराधी नहीं है। इससे पहले उस पर कोई मुकदमा नहीं चला। पीयूष काफी समय से जेल में है।
वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेगा। वहीं विशेष लोक अभियोजक अंबरीष टंडन की ओर से तर्क रखा गया कि ओडोचैम इंडस्ट्रीज के प्रोपराइटर और इत्र कारोबारी पीयूष के घर से छापे में 196.57 करोड़ रुपये की नकदी के अलावा 23 किलो विदेशी सोना बरामद हुआ था।
इसके बाद पीयूष को जेल भेजा गया था। जेल में लिए गए पीयूष के बयान में वह सोना खरीद के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं दे सका। बरामद सोना तस्करी का नहीं है, यह पीयूष को साबित करना है। जांच अभी जारी है। जमानत मिली तो वह दोबारा तस्करी में लिप्त हो जाएगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पीयूष को जमानत देने से इनकार कर दिया।
विस्तार
बरामद सोने की खरीद के संबंध में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पास कोई ठोस सुबूत नहीं है। डीजीजीआई ने उसके घर से विदेशी सोना बरामद किया है। पीयूष का अपराध देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने वाला है। उसे जमानत देने से कस्टम ड्यूटी की चोरी करने वालों का हौसला बढ़ेगा।
इन्हीं टिप्पणियों के साथ सोना तस्करी मामले में आरोपी पीयूष जैन की जमानत अर्जी प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा ने खारिज कर दी। पीयूष की ओर से अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने तर्क रखा था कि पीयूष के पास से 23 किलो सोने की बरामदगी दिखाई गई है।
इसमें से 11 किलो सोने पर कोई विदेशी मुहर नहीं है। डीआरआई (डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के पास सोना तस्करी के पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। पीयूष अभ्यस्त अपराधी नहीं है। इससे पहले उस पर कोई मुकदमा नहीं चला। पीयूष काफी समय से जेल में है।