अखिलेश यादव का बड़ा तंज: बोले- आरएसएस का नफरत भरा एजेंडा लागू करना चाहती है भाजपा

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इटावा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 21 Apr 2022 10:58 PM IST

सार

अखिलेश यादव ने कहा कि गरीब और कमजोर जनता तथा विपक्षी दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं पर भाजपा सरकार का उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। इस सबके पीछे उसका इरादा असल और बुनियादी मुद्दों से भटकाना और असहमति की आवाज को दबाना है।

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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह आरएसएस का नफरत भरा एजेंडा लागू करना चाहती है, उससे लोकतंत्र एकता तथा सद्भाव को गंभीर खतरा है। पार्टी जनों से मुलाकात करने के दौरान अखिलेश यादव ने अपने आवास पर गुरुवार शाम को यह बात कही।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि गरीब और कमजोर जनता तथा विपक्षी दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं पर भाजपा सरकार का उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। इस सबके पीछे उसका इरादा असल और बुनियादी मुद्दों से भटकाना और असहमति की आवाज को दबाना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस पहले सबको धर्म के आधार पर भड़काते हैं। बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के साथ खेलते हैं। बड़ी मुश्किल से भारत एक लोकतांत्रिक, पंथनिरपेक्ष, समाजवादी देश बन पाया है। संविधान में सबको एक समान नागरिक अधिकार दिए गए हैं। भाजपा इस सामाजिक तानाबाना को तोड़ने में लगी है। हिंदू-मुस्लिम की गंगा-जमुनी तहजीब को भाजपा खंडित करने का प्रयास कर रही है।

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विस्तार

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह आरएसएस का नफरत भरा एजेंडा लागू करना चाहती है, उससे लोकतंत्र एकता तथा सद्भाव को गंभीर खतरा है। पार्टी जनों से मुलाकात करने के दौरान अखिलेश यादव ने अपने आवास पर गुरुवार शाम को यह बात कही।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि गरीब और कमजोर जनता तथा विपक्षी दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं पर भाजपा सरकार का उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। इस सबके पीछे उसका इरादा असल और बुनियादी मुद्दों से भटकाना और असहमति की आवाज को दबाना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस पहले सबको धर्म के आधार पर भड़काते हैं। बहुसंख्यक समाज की भावनाओं के साथ खेलते हैं। बड़ी मुश्किल से भारत एक लोकतांत्रिक, पंथनिरपेक्ष, समाजवादी देश बन पाया है। संविधान में सबको एक समान नागरिक अधिकार दिए गए हैं। भाजपा इस सामाजिक तानाबाना को तोड़ने में लगी है। हिंदू-मुस्लिम की गंगा-जमुनी तहजीब को भाजपा खंडित करने का प्रयास कर रही है।

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