अपहरण नहीं, किशोरी को रिश्ते का जीजा ले गया था

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उन्नाव। माखी के एक मोहल्ले में घर में चोरी और किशोरी के अपहरण की घटना फर्जी निकाली। किशोरी का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि रिश्ते का जीजा (बहन के नंदोई) उसे बहला कर ले गया था। घटना का रुख मोड़ने के लिए घर में बकरे का खून फैलाया था। सर्विलांस की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस ने घटना का खुलासा किया।
थानाक्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी अनुसूचित जाति की किशोरी 10 नवंबर को संदिग्ध हालात में घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने घर में सामान अस्तव्यस्त, जेवर-नकदी गायब होने और बेटी के लापता होने पर अपहरण और जगह-जगह खून के छींटे देखकर हत्या की आशंका जताई थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
शुरुआत में पुलिस ने किशोरी के पड़ोसी व एक रिश्तेदार को उठाया था। रिश्तेदार ने बताया कि किशोरी की बड़ी बहन की शादी थानाक्षेत्र के सधवाखेड़ा गांव में हुई है। किशोरी का उसके घर आना-जाना है। तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि बड़ी बहन के नंदोई, हसनगंज कोतवाली के गज्जफर नगर निवासी पैंतीस वर्षीय सुरेश का भी किशोरी के यहां आन जाना है। सुरेश शुक्लागंज में किराए पर रहता है और कानपुर में मजदूरी करता है।
पुलिस उसके घर पहुंची तो ताला बंद मिला। सर्विलांस की मदद से पुलिस उसके सहजनी निवासी दोस्त पकंज पाल के घर पहुंची। यहां किशोरी और आरोपी दोनों वहीं मिल गए। घटना के एक दिन पहले किशोरी की मां ने बेटी के पास फोन देख लिया था, किशोरी ने इसकी जानकारी सुरेश को दी थी। राज खुलने से पहले उसने साजिश को अंजाम दे डाला।
अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि किशोरी से परिजनों के सो जाने की जानकारी होने के बाद रात करीब 1:30 बजे आरोपी किशोरी गांव पहुंचा था। किशोरी सोने-चांदी के जेवर और रुपये समेट चुकी थी। आरोपी के कहने के अनुसार किशोरी ने घर में जानवर का खून फैलाया जिससे ऐसा लगे कि मारपीट कर उसका अपहरण हो गया। बताया कि जेवर, 48 हजार रुपये के साथ किशोरी को सकुशल खोज लिया गया है। आरोपी सुरेश को जेल भेजा गया है। खुलासा करने वाली टीम में माखी थानाध्यक्ष रामआसरे चौधरी, स्वाट प्रभारी प्रदीप कुमार भी शामिल रहे।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि जीजा के कहने पर उसने बाजार जा रहे गांव के एक व्यक्ति से बकरे का खून मंगवाया था। व्यक्ति ने कारण पूछा तो बताया कि दवा के लिए जरूरत है। उसने पुलिस को बताया कि पॉलिथीन से खून के थक्के घर में फैलाने के बाद उसने बचा खून पॉलिथीन सहित झाड़ी में फेंकने की कोशिश की थी। घबराहट में पॉलिथीन पड़ेसी की छत पर ही गिर गई।
किशोरी ने घर से दो जोड़ी पायल चोरी की थी। इसमें से एक पायल उसने घर के जीने में गिरा दी थी। पुलिस के पूछने पर किशोरी ने बताया कि जीजा ने कहा था कि ऐसा करने से लगेगा कि छीना झपटी हुई है।

यह भी पढ़ें -  Unnao News: ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए जनहित याचिका दायर

उन्नाव। माखी के एक मोहल्ले में घर में चोरी और किशोरी के अपहरण की घटना फर्जी निकाली। किशोरी का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि रिश्ते का जीजा (बहन के नंदोई) उसे बहला कर ले गया था। घटना का रुख मोड़ने के लिए घर में बकरे का खून फैलाया था। सर्विलांस की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस ने घटना का खुलासा किया।

थानाक्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी अनुसूचित जाति की किशोरी 10 नवंबर को संदिग्ध हालात में घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने घर में सामान अस्तव्यस्त, जेवर-नकदी गायब होने और बेटी के लापता होने पर अपहरण और जगह-जगह खून के छींटे देखकर हत्या की आशंका जताई थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की।

शुरुआत में पुलिस ने किशोरी के पड़ोसी व एक रिश्तेदार को उठाया था। रिश्तेदार ने बताया कि किशोरी की बड़ी बहन की शादी थानाक्षेत्र के सधवाखेड़ा गांव में हुई है। किशोरी का उसके घर आना-जाना है। तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि बड़ी बहन के नंदोई, हसनगंज कोतवाली के गज्जफर नगर निवासी पैंतीस वर्षीय सुरेश का भी किशोरी के यहां आन जाना है। सुरेश शुक्लागंज में किराए पर रहता है और कानपुर में मजदूरी करता है।

पुलिस उसके घर पहुंची तो ताला बंद मिला। सर्विलांस की मदद से पुलिस उसके सहजनी निवासी दोस्त पकंज पाल के घर पहुंची। यहां किशोरी और आरोपी दोनों वहीं मिल गए। घटना के एक दिन पहले किशोरी की मां ने बेटी के पास फोन देख लिया था, किशोरी ने इसकी जानकारी सुरेश को दी थी। राज खुलने से पहले उसने साजिश को अंजाम दे डाला।

अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि किशोरी से परिजनों के सो जाने की जानकारी होने के बाद रात करीब 1:30 बजे आरोपी किशोरी गांव पहुंचा था। किशोरी सोने-चांदी के जेवर और रुपये समेट चुकी थी। आरोपी के कहने के अनुसार किशोरी ने घर में जानवर का खून फैलाया जिससे ऐसा लगे कि मारपीट कर उसका अपहरण हो गया। बताया कि जेवर, 48 हजार रुपये के साथ किशोरी को सकुशल खोज लिया गया है। आरोपी सुरेश को जेल भेजा गया है। खुलासा करने वाली टीम में माखी थानाध्यक्ष रामआसरे चौधरी, स्वाट प्रभारी प्रदीप कुमार भी शामिल रहे।

किशोरी ने पुलिस को बताया कि जीजा के कहने पर उसने बाजार जा रहे गांव के एक व्यक्ति से बकरे का खून मंगवाया था। व्यक्ति ने कारण पूछा तो बताया कि दवा के लिए जरूरत है। उसने पुलिस को बताया कि पॉलिथीन से खून के थक्के घर में फैलाने के बाद उसने बचा खून पॉलिथीन सहित झाड़ी में फेंकने की कोशिश की थी। घबराहट में पॉलिथीन पड़ेसी की छत पर ही गिर गई।

किशोरी ने घर से दो जोड़ी पायल चोरी की थी। इसमें से एक पायल उसने घर के जीने में गिरा दी थी। पुलिस के पूछने पर किशोरी ने बताया कि जीजा ने कहा था कि ऐसा करने से लगेगा कि छीना झपटी हुई है।



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