अमर उजाला स्थापना दिवस विशेष: छुक-छुक रेलगाड़ी से सेमी हाई स्पीड ट्रेन तक ताजनगरी का सफर

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सार

मुगल शासकों की राजधानी रही ताजनगरी ने छुक-छुक करती रेलगाड़ी से लेकर देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन तक सफर तय किया है। मीटर गेज लाइन से निकलकर ट्रेनें अब आगरा में तीसरी रेल लाइन से जुड़ रही हैं। 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली गतिमान एक्सप्रेस दिल्ली से आगरा के बीच फर्राटा भरती है। 

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आगरा-दिल्ली ट्रैक की अधिकतम रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच चुकी है। 130 किमी प्रति घंटे से दौड़ने वाली प्रीमियम ट्रेनें शताब्दी, राजधानी और दूरंतो भी यहां से होकर गुजरती हैं। अप्रैल 2003 में आगरा रेल मंडल अस्तित्व में आया। अब मंडल का विस्तार धौलपुर तक हो चुका है। इसमें 100 रेलवे स्टेशन आते हैं। 

आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली आगरा की रेल भांडई से पलवल, आगरा से टूंडला, मथुरा-अलवर, मथुरा-अछनेरा, आगरा-बांदीकुई तक दौड़ रही हैं। प्रमुख रेल लाइनों पर विद्युतीकरण के बाद ट्रेनों की औसत रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे हो चुकी है। माल ढुलाई और पार्सल ट्रेनों के संचालन में आगरा रेल मंडल ने जोन में रिकॉर्ड बनाया है। इस वित्तीय वर्ष में माल ढुलाई में जोन में सबसे आगे रहा है। 

आगरा के प्रमुख स्टेशन

आगरा कैंट स्टेशन : मुंबई-हावड़ा रूट की अधिकांश ट्रेनें आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती हैं। इस स्टेशन पर रोजाना 180 ट्रेनों का आवागमन होता है। 35 हजार से ज्यादा यात्रियों का प्रतिदिन फुटफॉल है। दिल्ली, झांसी, भोपाल रूट के अलावा दक्षिण भारत के शहरों तक पहुंचने वाली गाड़ियां भी इसी स्टेशन से होकर गुजरती हैं। यह मंडल के ए श्रेणी के स्टेशनों में शुमार है। 

आगरा फोर्ट स्टेशन : वर्ष 1874 में अंग्रेजी शासन में पहली बार रेलगाड़ी आगरा फोर्ट स्टेशन से ही चली थी। हेरिटेज स्टेशन आगरा फोर्ट से लखनऊ, कानपुर वाया टूंडला रेल लाइन से ट्रेनें संचालित होती हैं तो वहीं आगरा से कोटा, राजस्थान के लिए गाड़ियों का संचालन होता है। इस स्टेशन पर रोजाना 15 हजार से ज्यादा यात्रियों का फुटफॉल है। ऐतिहासिक आगरा किले और शाही जामा मस्जिद के नजदीक यह स्टेशन ऐतिहासिक धरोहर है। 

राजा की मंडी स्टेशन : आगरा दिल्ली रूट पर राजा की मंडी रेलवे स्टेशन से दिल्ली, मथुरा जाने वाले सबसे ज्यादा यात्री सफर करते हैं। इस स्टेशन पर भी रोजाना तकरीबन 10 हजार यात्रियों का फुटफॉल है। 

बिल्लोचपुरा रेलवे स्टेशन : देश के सबसे पहले मानसिक आरोग्यशाला के गेट के ठीक सामने बिल्लोचपुरा स्टेशन है। इस स्टेशन पर इक्का दुक्का गाड़ियों का ही ठहराव है। 

आगरा सिटी स्टेशन : ब्रिटिश शासनकाल में व्यापारिक केंद्र रहे बेलनगंज से होने वाले व्यापार को देखते हुए वर्ष 1903 आगरा सिटी स्टेशन की स्थापना की गई थी। तब यहां कई ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन अब पैसेंजर ट्रेन ही रुकती हैं। इस हेरिटेज स्टेशन को म्यूजियम में बदलने का प्रस्ताव भी दिया गया था। इस स्टेशन से आगे लंबी टनल भी है। 

कीठम से भांडई तक तीसरी बाईपास रेल लाइन

मथुरा से आ रही तीसरी रेल लाइन को कीठम से बाईपास करके भांडई रेलवे स्टेशन से जोड़ने का प्रस्ताव पास हो चुका है। वर्ष 2022 के रेल बजट में धनराशि मिलने के बाद ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। यह रेलवे लाइन कीठम से किरावली, मलपुरा होकर भांडई को जोड़ेगी। इसमें 42 से ज्यादा गांवों की जमीन अधिग्रहीत होनी है। इस लाइन के निर्माण के बाद मथुरा से आगरा की ओर आने और जाने के लिए एक और लाइन उपलब्ध रहेगी। ट्रेनों का दबाव कम होने पर ट्रेनों की चाल और समय दोनों में सुधार होगा।

ऐतिहासिक स्ट्रेची ब्रिज को टक्कर देगा हाथी घाट पुल

यमुना नदी पर वर्ष 1908 में बना स्ट्रेची ब्रिज (लोहे का पुल) अंग्रेजी शासन काल में जॉन स्ट्रेची ने बनवाया था। चार साल पहले रेलवे ने इस पुल का जीर्णोद्धार करवाया। अब भी यह पुल नए पुलों से ज्यादा आकर्षक और मजबूत है। एत्मादपुर से आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के तहत नई रेलवे लाइन का काम भी चल रहा है। इसी लाइन पर यमुना नदी पर महताब बाग से हाथी घाट तक नया पुल निर्माणाधीन है। इस पुल के बनने से एत्मादपुर, टूंडला और कानपुर रूट पर ट्रेनों के आवागमन में और सुविधा मिलेगी।
 

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आईएसबीटी पर बना फ्लाईओवर 

आगरा-मथुरा हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर के पास आईएसबीटी पर नया फ्लाईओवर मार्च 2022 में बनकर तैयार हुआ है। तकरीबन 30 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर से दिल्ली, मथुरा का ट्रैफिक सीधा कानपुर की ओर निकल जाता है। यहां जाम से राहत मिली है, लेकिन अब भगवान टाकीज का संकरा ओवरब्रिज रफ्तार में रोड़ा बना हुआ है।

इलेक्ट्रिक बसों ने दिया ट्रांसपोर्ट को नया आयाम

स्मार्ट सिटी में तब्दील हो रही ताजनगरी की सड़कों पर अब चमचमाती और सुविधाओं से युक्त इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो गया है। महात्मा गांधी मार्ग से लेकर खेरिया हवाई अड्डे तक सात रूटों पर 30 बसें संचालित की जा रही हैं। आगरा-मथुरा सिटी बस ट्रांसपोर्ट लिमिटेड की ओर से 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहर में किया जाना है। इसी साल शहर के सभी रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों के सफर का आनंद शहरवासी उठा सकेंगे। इन बसों का चार्जिंग स्टेशन नरायन में बनाया गया है। 28 सीटर इन बसों के चलने से सिटी ट्रांसपोर्ट को नई रफ्तार मिली है।

विस्तार

आगरा-दिल्ली ट्रैक की अधिकतम रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच चुकी है। 130 किमी प्रति घंटे से दौड़ने वाली प्रीमियम ट्रेनें शताब्दी, राजधानी और दूरंतो भी यहां से होकर गुजरती हैं। अप्रैल 2003 में आगरा रेल मंडल अस्तित्व में आया। अब मंडल का विस्तार धौलपुर तक हो चुका है। इसमें 100 रेलवे स्टेशन आते हैं। 

आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली आगरा की रेल भांडई से पलवल, आगरा से टूंडला, मथुरा-अलवर, मथुरा-अछनेरा, आगरा-बांदीकुई तक दौड़ रही हैं। प्रमुख रेल लाइनों पर विद्युतीकरण के बाद ट्रेनों की औसत रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे हो चुकी है। माल ढुलाई और पार्सल ट्रेनों के संचालन में आगरा रेल मंडल ने जोन में रिकॉर्ड बनाया है। इस वित्तीय वर्ष में माल ढुलाई में जोन में सबसे आगे रहा है। 

आगरा के प्रमुख स्टेशन

आगरा कैंट स्टेशन : मुंबई-हावड़ा रूट की अधिकांश ट्रेनें आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती हैं। इस स्टेशन पर रोजाना 180 ट्रेनों का आवागमन होता है। 35 हजार से ज्यादा यात्रियों का प्रतिदिन फुटफॉल है। दिल्ली, झांसी, भोपाल रूट के अलावा दक्षिण भारत के शहरों तक पहुंचने वाली गाड़ियां भी इसी स्टेशन से होकर गुजरती हैं। यह मंडल के ए श्रेणी के स्टेशनों में शुमार है। 

आगरा फोर्ट स्टेशन : वर्ष 1874 में अंग्रेजी शासन में पहली बार रेलगाड़ी आगरा फोर्ट स्टेशन से ही चली थी। हेरिटेज स्टेशन आगरा फोर्ट से लखनऊ, कानपुर वाया टूंडला रेल लाइन से ट्रेनें संचालित होती हैं तो वहीं आगरा से कोटा, राजस्थान के लिए गाड़ियों का संचालन होता है। इस स्टेशन पर रोजाना 15 हजार से ज्यादा यात्रियों का फुटफॉल है। ऐतिहासिक आगरा किले और शाही जामा मस्जिद के नजदीक यह स्टेशन ऐतिहासिक धरोहर है। 

राजा की मंडी स्टेशन : आगरा दिल्ली रूट पर राजा की मंडी रेलवे स्टेशन से दिल्ली, मथुरा जाने वाले सबसे ज्यादा यात्री सफर करते हैं। इस स्टेशन पर भी रोजाना तकरीबन 10 हजार यात्रियों का फुटफॉल है। 

बिल्लोचपुरा रेलवे स्टेशन : देश के सबसे पहले मानसिक आरोग्यशाला के गेट के ठीक सामने बिल्लोचपुरा स्टेशन है। इस स्टेशन पर इक्का दुक्का गाड़ियों का ही ठहराव है। 

आगरा सिटी स्टेशन : ब्रिटिश शासनकाल में व्यापारिक केंद्र रहे बेलनगंज से होने वाले व्यापार को देखते हुए वर्ष 1903 आगरा सिटी स्टेशन की स्थापना की गई थी। तब यहां कई ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन अब पैसेंजर ट्रेन ही रुकती हैं। इस हेरिटेज स्टेशन को म्यूजियम में बदलने का प्रस्ताव भी दिया गया था। इस स्टेशन से आगे लंबी टनल भी है। 

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