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अलीगढ़ नगर निगम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दौर निकाय चुनाव का है और नगरीय प्रशासन की बात करें तो हमारा अलीगढ़ शहर 130 बरस के नगरीय प्रशासन काल या सियासी सफर में लगातार बदल रहा है। अंग्रेजी हुकूमत के समय में तब एक
दौर था, इक्के-तांगे लोकल ट्रांसपोर्ट का मुख्य साधन थे। जिसकी गवाही आज भी रेलवे रोड पर तांगा स्टैंड देता है। अब आजाद भारत में हमारे शहर में ई-बस फर्राटा भर रही हैं और सारसौल पर इलेक्ट्रिक बस स्टैंड बनकर तैयार हो गया है। मतलब जैसे-जैसे दौर बदला तो विकास संसाधन भी बदले हैं। लोगों को आने वाले नगरीय प्रशासन तंत्र से और भी उम्मीदें हैं।
ये है अलीगढ़ में नगरीय प्रशासन का इतिहास
अलीगढ़ शहर के नगरीय प्रशासन के इतिहास पर गौर करें तो मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहे अलीगढ़ में शहरी प्रशासन की शुरुआत सन 1804 में अलीगढ़ को जिला बनाकर की गई। कर्नल रसल पहले कलक्टर बनाए गए। इसी के साथ शहर में नगरीय प्रशासन की नींव पड़ गई। इसके बाद 1883 से 90 के बीच नगर पालिका गठित हुई। मगर 1893 में अंग्रेज अफसर जेएम हैरिसन अलीगढ़ नगर पालिका के पहले प्रशासक नियत किए गए। इन तथ्यों की गवाही 1910 के गजेटियर में है।
कभी अंग्रेजी फौज का पड़ाव था अलीगढ़
इससे पहले अलीगढ़ किला, जिसमें आज एएमयू का बॉटनिकल गार्डन है, इसमें मराठा सैनिकों (जिसमें फ्रांसीसी भी शामिल थे) के फौजी सामान का जमावड़ा रहता था। यह एक तरह का सैन्य पड़ाव हुआ करता था। इसके प्रवेश मार्ग पर एक पत्थर लगा है, जिसमें अंग्रेजों की फतह और फ्रांसीसी सैनिक अधिकारियों की शहादत का जिक्र है। 1857 के गदर का प्रभाव भी अलीगढ़ पर पड़ा।
हथकड़ी के कारखाने से डिफेंस कॉरिडोर तक पहुंचा शहर
नगरीय प्रशासन की शुरुआत से बहुत पहले ही अलीगढ़ में रेलवे लाइन आ चुकी थी। दिल्ली से हावड़ा जाने वाला मुख्य ट्रैक अलीगढ़ होकर ही गुजरता है। रेलवे से कनेक्टिविटी मिलने के बाद अलीगढ़ का विकास बहुत तेजी से हुआ। अंग्रेजों ने हथकड़ी बनाने का कारखाना अलीगढ़ में लगाया और इसी के साथ यहां पर ताला उद्योग की बुनियाद पड़ी। जिला बनने के बाद यहां प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका ने अपना काम करना शुरू किया। सीमेंट की सड़क सबसे पहले रेलवे रोड पर बनाई गई। पुराने शहर को सिविल लाइंस से जोडऩे को कठपुला बना। जयगंज में बिजली पोल लगाकर विद्युतीकरण शुरू हुआ। वही अलीगढ़ आज ताला-हार्डवेयर और शिक्षा का मुख्य केंद्र बन चुका है। आने वाले समय में डिफेंस कॉरिडोर के दम पर उद्योग का नया हब होगा।
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