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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 20 Apr 2022 07:34 PM IST
सार
आगरा में किराये पर रहने वाली छात्रा ने सफाई के बाद अनजाने में कचरे के साथ सोने के कुंडल और लौंग फेंक दी थी। छात्रा की बहन कॉलेज गई थी, जब वह लौटी तो उसने आभूषण ढूढ़े तो जानकारी हुई।
कहते हैं मन में दृढ़ विश्वास हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। उसमें सफलता जरूर मिलती है। आगरा में दो बहनों ने ऐसा कर दिखाया। इन दोनों ने 50 टन कचरे से सोने के कुंडल और लौंग को ढूढ़ निकाला। सोने के आभूषण गलती से कचरा गाड़ी में फेंक दिए थे। जब इसका पता चला तो दोनों बहनों के होश उड़ गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
फिरोजाबाद केटीकरी गांव की रहने वाली बहनें रुचि और अनुष्का यादव नगला हवेली क्षेत्र स्थित एक मकान में किराये पर रहती हैं। रुचि बीएड और अनुष्का बीएससी की छात्रा है। रुचि ने मंगलवार की सुबह अपने कानों के सोने के कुंडल और लौंग को कागज की पुड़िया में लपेटकर बेड पर तकिया के नीचे रख दिया था। वह कॉलेज चली गई।
अनजाने में कचरे के साथ फेंक दिए थे आभूषण
रुचि के जाने के बाद अनुष्का ने कमरे की साफ-सफाई की। अनजाने में कूड़े के साथ आभूषण की पुड़िया को भी प्लास्टिक की थैली में डाल दिया। बाद में कूड़ा लेने आई नगर निगम की गाड़ी में पॉलीथिन डाल दी। रुचि जब कॉलेज से वापस आई, तो अपनी आभूषण ढूंढने लगी। इस पर अनुष्का ने कागज की पुड़िया को कूड़े में फेंकने की जानकारी दी।
जब उसे पता चला कि पुड़िया में सोने के कुंडल और लौंग थी, तो उसके होश उड़ गए। दोनों बहनें उस कचरा वाहन को ढूढ़ने लगीं। पड़ोसियों की मदद से कचरा वाहन का पता लगाया। दोनों ने मिलकर डंपिंग यार्ड में करीब 50 टन कचरा खंगाला। छह घंटे की मशक्कत के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें खोए आभूषण मिल गए। इसके दोनों बहनों के चेहरों पर खुशी लौटी।
विस्तार
कहते हैं मन में दृढ़ विश्वास हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। उसमें सफलता जरूर मिलती है। आगरा में दो बहनों ने ऐसा कर दिखाया। इन दोनों ने 50 टन कचरे से सोने के कुंडल और लौंग को ढूढ़ निकाला। सोने के आभूषण गलती से कचरा गाड़ी में फेंक दिए थे। जब इसका पता चला तो दोनों बहनों के होश उड़ गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
फिरोजाबाद केटीकरी गांव की रहने वाली बहनें रुचि और अनुष्का यादव नगला हवेली क्षेत्र स्थित एक मकान में किराये पर रहती हैं। रुचि बीएड और अनुष्का बीएससी की छात्रा है। रुचि ने मंगलवार की सुबह अपने कानों के सोने के कुंडल और लौंग को कागज की पुड़िया में लपेटकर बेड पर तकिया के नीचे रख दिया था। वह कॉलेज चली गई।
अनजाने में कचरे के साथ फेंक दिए थे आभूषण
रुचि के जाने के बाद अनुष्का ने कमरे की साफ-सफाई की। अनजाने में कूड़े के साथ आभूषण की पुड़िया को भी प्लास्टिक की थैली में डाल दिया। बाद में कूड़ा लेने आई नगर निगम की गाड़ी में पॉलीथिन डाल दी। रुचि जब कॉलेज से वापस आई, तो अपनी आभूषण ढूंढने लगी। इस पर अनुष्का ने कागज की पुड़िया को कूड़े में फेंकने की जानकारी दी।
जब उसे पता चला कि पुड़िया में सोने के कुंडल और लौंग थी, तो उसके होश उड़ गए। दोनों बहनें उस कचरा वाहन को ढूढ़ने लगीं। पड़ोसियों की मदद से कचरा वाहन का पता लगाया। दोनों ने मिलकर डंपिंग यार्ड में करीब 50 टन कचरा खंगाला। छह घंटे की मशक्कत के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें खोए आभूषण मिल गए। इसके दोनों बहनों के चेहरों पर खुशी लौटी।
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