आगरा: बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों पर अत्याचार, वाइल्डलाइफ एसओएस ने पॉश कॉलोनी से कराया मुक्त

0
21

[ad_1]

अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 20 Apr 2022 08:07 PM IST

सार

बाग फरजाना में एक मकान की छत पर लंगूर को रस्सी से बांधकर रखा गया था। सूचना पर वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने उसे मुक्त कराया। 

ख़बर सुनें

अवैध वन्यजीव शोषण के एक और मामले में उत्तर प्रदेश वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस ने आगरा की पॉश कॉलोनी लाजपत कुंज बाग फरजाना में एक घर से लंगूर को बचाया। लंगूर को गले में रस्सी से बांधा गया था। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सावधानी से रस्सी को हटाया और साइट पर ही मेडिकल परीक्षण के बाद लंगूर को उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया।

वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस को पशु कार्यकर्ता और कैस्पर्स होम ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी विनीता अरोड़ा ने शिकायत की थी कि बाग फरजाना में एक मकान की छत पर लंगूर को बांधकर रखा हुआ था। चूंकि लंगूर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है, इसलिए इसे किसी के भी द्वारा स्वामित्व, बेचा, खरीदा, व्यापार या किराए पर नहीं रखा जा सकता। इस कानून के उल्लंघन पर जुर्माना या तीन साल की जेल या दोनों की सजा हो सकती है।

छत पर रस्सी से बांधकर रखा गया था लंगूर 

लंगूर को मुक्त कराने के लिए वन विभाग के साथ वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीमों ने वहां लोगों को इस अवैध प्रथा और इसके दुष्परिणामों के बारे में बताया। बाद में लंगूर के गले में बंधी रस्सी को हटा दिया। मेडिकल परीक्षण के बाद लंगूर को जंगल में छोड़ दिया गया।

आगरा के वन क्षेत्र अधिकारी राम गोपाल सिंह ने कहा कि यह तीसरा लंगूर है जिसे हमने इस महीने मुक्त कराकर जंगल में छोड़ा है। इससे पहले वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस ने कमला नगर और संजय प्लेस से भी दो लंगूर मुक्त कराए थे। उन्होंने कहा कि यह एक कुप्रथा है और किसी भी जंगली जानवर का शोषण नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह अपराध है।

यह भी पढ़ें -  आगरा: गलती से कचरा वाहन में फेंक दिए सोने के आभूषण, दोनों बहनों ने 50 टन कूड़े से ढूढ़ निकाले

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एमवी ने कहा कि वाइल्डलाइफ एसओएस सक्रिय रूप से वन विभाग के साथ काम करता है, ताकि जंगली जानवरों को अवैध कब्जे से आज़ाद किया जा सके। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि को बढ़ावा न दें। ऐसी घटनाओं की सूचना वन विभाग या वाइल्डलाइफ एसओएस को दें।

विस्तार

अवैध वन्यजीव शोषण के एक और मामले में उत्तर प्रदेश वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस ने आगरा की पॉश कॉलोनी लाजपत कुंज बाग फरजाना में एक घर से लंगूर को बचाया। लंगूर को गले में रस्सी से बांधा गया था। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सावधानी से रस्सी को हटाया और साइट पर ही मेडिकल परीक्षण के बाद लंगूर को उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया।

वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस को पशु कार्यकर्ता और कैस्पर्स होम ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी विनीता अरोड़ा ने शिकायत की थी कि बाग फरजाना में एक मकान की छत पर लंगूर को बांधकर रखा हुआ था। चूंकि लंगूर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है, इसलिए इसे किसी के भी द्वारा स्वामित्व, बेचा, खरीदा, व्यापार या किराए पर नहीं रखा जा सकता। इस कानून के उल्लंघन पर जुर्माना या तीन साल की जेल या दोनों की सजा हो सकती है।

छत पर रस्सी से बांधकर रखा गया था लंगूर 

लंगूर को मुक्त कराने के लिए वन विभाग के साथ वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीमों ने वहां लोगों को इस अवैध प्रथा और इसके दुष्परिणामों के बारे में बताया। बाद में लंगूर के गले में बंधी रस्सी को हटा दिया। मेडिकल परीक्षण के बाद लंगूर को जंगल में छोड़ दिया गया।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here