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इसी विवाद पर ताजनगरी के एक्टिविस्ट डॉ. शरद गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी गठित की गई, जिसने हाल में ही सूर सरोवर पक्षी विहार का दायरा 800 हेक्टेयर करने की सिफारिश की है। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई, जिस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा गया। इस मामले में राज्य सरकार भी पक्षी विहार का दायरा बढ़ाने पर सहमत है।
सिफारिश सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की
याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ने अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोट में दाखिल कर दी हैं। 800 हेक्टेयर का यह जंगल आगरा के लिए फेफड़ों का काम करेगा। यह संरक्षित वन क्षेत्र पर्यावरण के लिए जरूरी है। जलीय जीवों के साथ यहां पक्षियों की प्रजातियां बढ़ सकेंगी।
1991 में पक्षी विहार हुआ था घोषित
पर्यावरण मंत्रालय ने 1991 में सूर सरोवर पक्षी विहार को वन्य जीव विहार के रूप में घोषित किया था। इसका क्षेत्रफल 403.09 हेक्टेयर है। कीठम झील का आकार ही 300 हेक्टेयर है। गजट जारी करने के समय इसकी सीमाएं हाईवे तक बताई गई थी। उस लिहाज से यह क्षेत्र 403 की जगह 800 हेक्टेयर हो जाएगा।
सूर सरोवर पक्षी विहार में चिड़ियों की 222 प्रजातियां, 229 प्रजातियों के पौधे, कछुए की सात प्रजातियां, सांपों की 15 प्रजातियां, नौ प्रकार के स्तनधारी व कई अन्य जीव-जंतु हैं। यहां प्रकृति की मनोहर छटा दिखाई देती है।
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