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सार
आगरा में एसएसपी के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आया है। इस बार एसएसपी का पेशकार बनकर बस परिचालक से 20 लाख रुपये वसूल लिए गए।
आगरा में एसएसपी का पेशकार बनकर बस परिचालक से 20 लाख रुपये की वसूली कर ली गई। इसके लिए निबोहरा थाना में दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे को खत्म कराने का आश्वासन दिया गया। कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित को शक हुआ और उसने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी ने थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए। इसमें पांच लोगों को नामजद किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम को लगाया गया है।
थाना निबोहरा में छह मार्च को एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। खुद को एत्मादपुर क्षेत्र का रहने वाला बताया। इसमें निबोहरा के गांव पछांह निवासी रमेश तोमर को नामजद किया। वह बस परिचालक हैं। महिला ने आरोप लगाया कि रमेश ने नौकरी लगवाने के बहाने उसे बुलाया। बिजलीघर पर बाइक से बैठाकर ताजगंज क्षेत्र के होटल में ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोप लगाने वाली महिला को जानते तक नहीं
वहीं रमेश के भाई मुकेश का कहना है कि वह महिला को जानते तक नहीं हैं। रमेश पहले से शादीशुदा है। उनके तीन बच्चे भी हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद पूरा परिवार परेशान हो गया। उनके गांव के मनोज तिवारी ने उनसे संपर्क किया। कहा कि वह मुकदमा खत्म करा देगा। इसको लेकर बात शुरू कर दी। 26 अप्रैल को मनोज एक व्यक्ति के साथ मिला।
उनसे कहा कि साथ आए व्यक्ति एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के पेशकार है। दुष्कर्म के मुकदमे से नाम निकलवाने के 20 लाख रुपये लगेंगे। वह इसी तरह और भी लोगों का काम करा चुके हैं। उन्होंने वर्दी नहीं पहनी थी, फिर भी विश्वास हो गया। इस पर उन्होंने रुपयों का इंतजाम करना शुरू कर दिया। अपने गहने गिरवी रखे। रिश्तेदारों से कर्ज लिया। तब जाकर रुपयों का इंतजाम किया।
घर के बाहर ली रकम
मुकेश ने बताया कि 28 अप्रैल को मनोज तिवारी ने रमेश को बुलाया। सिकंदरा स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल के पास मनोज, उसके साथी हरिशंकर, सूर्यकांत शर्मा, रघुनाथ शर्मा और सुरेश मिले। केआर नगर में ले जाकर 20 लाख रुपये ले लिए। एक घर के आगे यह रकम ली गई थी। बाद में रमेश को वापस भेज दिया गया।
बुलाने पर भी नहीं आया
मुकेश का आरोप है कि मुकदमा खत्म नहीं हुआ। इस पर मनोज तिवारी से बात की। उसने कह दिया कि काम हो जाएगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ। वह बुलाने पर भी नहीं आया। इस पर उसकी तलाश की। मगर, वो नहीं मिला। कहरई में उसके गांव पहुंचे। मगर, वो वहां भी नहीं था। इस पर सोमवार को एसएसपी सुधीर कुमार सिंह से शिकायत की।
बयान लिए गए, वीडियोग्राफी हुई
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ितों के बयान की वीडियोग्राफी की गई है। इसके बाद थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धारा लगी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया है।
गैंग कर रह काम
पुलिस को शक है कि कोई गैंग काम कर रहा है। वह लोगों को जाल में फंसाता है। इसके बाद मुकदमा खत्म करने के नाम पर वसूली की जाती है। पीड़ित मुकेश ने भी झूठा मुकदमा दर्ज कराने के आरोप लगाए हैं।
विस्तार
आगरा में एसएसपी का पेशकार बनकर बस परिचालक से 20 लाख रुपये की वसूली कर ली गई। इसके लिए निबोहरा थाना में दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे को खत्म कराने का आश्वासन दिया गया। कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित को शक हुआ और उसने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी ने थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए। इसमें पांच लोगों को नामजद किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम को लगाया गया है।
थाना निबोहरा में छह मार्च को एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। खुद को एत्मादपुर क्षेत्र का रहने वाला बताया। इसमें निबोहरा के गांव पछांह निवासी रमेश तोमर को नामजद किया। वह बस परिचालक हैं। महिला ने आरोप लगाया कि रमेश ने नौकरी लगवाने के बहाने उसे बुलाया। बिजलीघर पर बाइक से बैठाकर ताजगंज क्षेत्र के होटल में ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोप लगाने वाली महिला को जानते तक नहीं
वहीं रमेश के भाई मुकेश का कहना है कि वह महिला को जानते तक नहीं हैं। रमेश पहले से शादीशुदा है। उनके तीन बच्चे भी हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद पूरा परिवार परेशान हो गया। उनके गांव के मनोज तिवारी ने उनसे संपर्क किया। कहा कि वह मुकदमा खत्म करा देगा। इसको लेकर बात शुरू कर दी। 26 अप्रैल को मनोज एक व्यक्ति के साथ मिला।
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