आगरा में 60 हजार वाहन हुए कबाड़: यूपी 80 एई से यूपी 80 एआर तक सीरीज की गाड़ियां अब रिकॉर्ड से बाहर

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सार

आगरा जिले में 60 हजार वाहनों को रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है। ये वाहन 15 साल या इससे अधिक पुराने हैं। 

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छह माह की कवायद के बाद संभागीय परिवहन कार्यालय ने आगरा जिले में पंजीकृत 60 हजार से ज्यादा निजी दोपहिया और चार पहिया वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया। 31 मार्च को इन गाड़ियों के निलंबन की अवधि समाप्त हो चुकी थी, लेकिन वाहन पोर्टल पर विवरण दर्ज था, जिसे हटाने के बाद पंजीयन अधिकारी ने इन वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया। इन वाहनों को लेकर अब किसी तरह का आवेदन मंजूर नहीं होगा। 

टीटीजेड में ऐसे वाहनों का संचालन प्रतिबंधित

टीटीजेड में 15 साल और इससे अधिक पुरानी निजी गाड़ियों का संचालन नहीं किया जा सकता है। आरटीओ ने नवंबर 2021 में वर्ष 2006 तक जिले में पंजीकृत 45 हजार दोपहिया वाहन और 15 हजार चार पहिया (मेटाडोर, ऑटो, कार) चिह्नित किए थे। इन गाड़ियों के स्वामियों को गैर टीटीजेड के जिलों में पुन: पंजीकृत कराने के लिए नोटिस दिए गए थे। पंजीयन छह माह तक निलंबित रखे गए, ताकि लोग अपनी गाड़ियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर जाकर दूसरे जिलों में पंजीकृत करा सकें, लेकिन एक हजार से भी कम निजी वाहन चालकों ने एनओसी प्राप्त की। 

31 मार्च को इनके पंजीयन निरस्त किए जाने थे, 20 दिन का समय और दिया। शुक्रवार को इन्हें कबाड़ घोषित कर दिया गया। पंजीयन अधिकारी एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अब इनका संचालन अवैध होगा। शुक्रवार को इसकी विधिवत जानकारी विज्ञप्ति के रूप में भी प्रकाशित कर दी गई है। 

अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा वाहन हुए कबाड़

आरटीओ में वर्ष 2005 तक पंजीकृत तकरीबन एक लाख निजी वाहनों को सबसे पहले 2018 में कबाड़ घोषित किया गया था। इसके बाद से 15 साल की आयु पूरी कर चुके वाहनों को हर साल चिह्नित किया जा रहा है। अब मार्च 2006 से पूर्व के यूपी 80 एई से यूपी 80 एआर तक के वाहन कबाड़ हो गए। इन्हें सड़क पर संचालित पाए जाने पर आरटीओ के प्रवर्तन दल जब्त कर नष्ट कराएंगे। 

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विस्तार

छह माह की कवायद के बाद संभागीय परिवहन कार्यालय ने आगरा जिले में पंजीकृत 60 हजार से ज्यादा निजी दोपहिया और चार पहिया वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया। 31 मार्च को इन गाड़ियों के निलंबन की अवधि समाप्त हो चुकी थी, लेकिन वाहन पोर्टल पर विवरण दर्ज था, जिसे हटाने के बाद पंजीयन अधिकारी ने इन वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया। इन वाहनों को लेकर अब किसी तरह का आवेदन मंजूर नहीं होगा। 

टीटीजेड में ऐसे वाहनों का संचालन प्रतिबंधित

टीटीजेड में 15 साल और इससे अधिक पुरानी निजी गाड़ियों का संचालन नहीं किया जा सकता है। आरटीओ ने नवंबर 2021 में वर्ष 2006 तक जिले में पंजीकृत 45 हजार दोपहिया वाहन और 15 हजार चार पहिया (मेटाडोर, ऑटो, कार) चिह्नित किए थे। इन गाड़ियों के स्वामियों को गैर टीटीजेड के जिलों में पुन: पंजीकृत कराने के लिए नोटिस दिए गए थे। पंजीयन छह माह तक निलंबित रखे गए, ताकि लोग अपनी गाड़ियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर जाकर दूसरे जिलों में पंजीकृत करा सकें, लेकिन एक हजार से भी कम निजी वाहन चालकों ने एनओसी प्राप्त की। 

31 मार्च को इनके पंजीयन निरस्त किए जाने थे, 20 दिन का समय और दिया। शुक्रवार को इन्हें कबाड़ घोषित कर दिया गया। पंजीयन अधिकारी एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अब इनका संचालन अवैध होगा। शुक्रवार को इसकी विधिवत जानकारी विज्ञप्ति के रूप में भी प्रकाशित कर दी गई है। 

अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा वाहन हुए कबाड़

आरटीओ में वर्ष 2005 तक पंजीकृत तकरीबन एक लाख निजी वाहनों को सबसे पहले 2018 में कबाड़ घोषित किया गया था। इसके बाद से 15 साल की आयु पूरी कर चुके वाहनों को हर साल चिह्नित किया जा रहा है। अब मार्च 2006 से पूर्व के यूपी 80 एई से यूपी 80 एआर तक के वाहन कबाड़ हो गए। इन्हें सड़क पर संचालित पाए जाने पर आरटीओ के प्रवर्तन दल जब्त कर नष्ट कराएंगे। 

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