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आगजनी के बाद दो दिन बाजार बंद रहा था। रविवार को बाजार खुला था। हालांकि क्षेत्र के लोग अब भी दहशत में हैं। साजिद के घर के पास कस्बा निवासी इमरान, बल्लू, शकील, सोकर और अतर आदि के घरों पर ताले लटके हुए हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पुलिस ने 20 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इनमें नौ आरोपियों को जेल भेजा गया। मगर, बाकी आरोपी नहीं पकड़े गए हैं।
युवती के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। युवती ने शादी कर ली है। उसके बयान दर्ज होने के बाद भी किसी तरह के विवाद से लोग चिंतित हैं। इस वजह से ही आसपास के लोग अपने बच्चों को लेकर रिश्तेदारी में चले गए हैं। माहौल शांत होने पर ही वो वापस आने की कह रहे हैं।
24 घंटे पुलिस और पीएसी तैनात
जिस जगह आगजनी की गई, वह मिश्रित आबादी है। आगजनी की घटना के बाद से क्षेत्र में पुलिस और पीएसी तैनात है। दिन और रात में ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं एलआईयू भी नजर बनाए हुए है।
आरोपी ग्राम प्रधान का जेल में मेडिकल
रुनकता में आगजनी के मामले में जेल गए प्रधान अनुज कुमार का सीजेएम प्रदीप कुमार सिंह के आदेश पर जिला कारागार में मेडिकल कराया गया। उनके चिकित्सीय उपचार के लिए भी लिखा गया है। ग्राम प्रधान की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कुमार कर्दम और सिद्धार्थ जी कर्दम ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था। कहा कि अनुज कुमार स्थानीय पुलिस के अपराधियों को संरक्षण देने का विरोध करते हैं। इसलिए पुलिस ने अनुज कुमार को केस में झूठा जेल भेज दिया है।
आरोप लगाया कि पुलिस ने अनुज कुमार को बेरहमी से पीटा, जिससे उनको गंभीर चोट आई। प्रार्थनापत्र में अनुज कुमार का मेडिकल कराने की प्रार्थना की गई। कोर्ट ने प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के बाद जेल में मेडिकल कराने के आदेश किए। जिला जेल के अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि जेल अस्पताल के चिकित्सक से मेडिकल कराया गया है। उपचार किया जा रहा है।
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