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मैनपुरी के जिला अस्पताल और सौ शैया अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर समाचार प्रकाशित कर ‘अमर उजाला’ ने जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को कई बार सचेत किया। इसके बावजूद किसी ने इस ओर कोई ध्यान दिया। नतीजा डॉक्टर के अभाव में सोमवार को आठ माह की बच्ची की मौत हो गई।
जिला अस्पताल और सौ शैया अस्पताल में काफी समय से डॉक्टरों की कमी चल रही है। इसको लेकर समय-समय पर खबरें प्रकाशित कीं, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई ध्यान दिया। अभी संक्रामक बीमारियों की शुरूआत हुई है। डॉक्टरों की कमी से दिक्कतें बढ़ सकती हैं। समय रहते डॉक्टरों की तैनाती नहीं हुई तो बरसात के बाद बीमार मरीजों का उपचार करना मुश्किल भरा हो जाएगा।
डॉक्टर |
सृजित पद |
रिक्त पद |
बाल रोग विशेषज्ञ |
02 |
02 |
फिजीशियन |
03 |
02 |
रेडियोलॉजिस्ट |
02 |
02 |
कॉर्डियोलॉजिस्ट |
01 |
01 |
ईएमओ |
03 |
02 |
हड्डी रोग विशेषज्ञ |
02 |
01 |
इलाज के अभाव में हुई थी बच्ची की मौत
जिला अस्पताल में सोमवार को उपचार न मिलने से मोहल्ला गाड़ीवान निवासी मजदूर जगवीर सिंह की आठ माह की बच्ची की मौत हो गई। परिजन बीमार बच्ची को लेकर पांच घंटे तक जिला अस्पताल में इमरजेंसी और बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष के चक्कर काटते रहे। बच्ची की तबियत बिगड़ती गई। आखिरकार इलाज के अभाव में मासूम ने दम तोड़ दिया।
…तो बच सकती थी बच्ची की जान
जगवीर ने बच्ची छाया को भर्ती कराने के लिए इमरजेंसी के डॉक्टर से कई बार निवेदन किया लेकिन यहां तैनात ईएमओ हर बार यही कहते रहे कि बच्ची को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाओ, जबकि जिला अस्पताल में उस वक्त बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद ही नहीं थे। जगवीर ने रोते हुए कहा कि यदि उसकी बच्ची को इमरजेंसी में भर्ती कर रेफर कर दिया गया होता तब भी उसकी बच्ची की मेडिकल कॉलेज सैफई में उपचार से जान बच सकती थी।
सीएमएस कक्ष में भी खाली थी कुर्सी
मृतका के पिता जगवीर जब कक्ष संख्या एक में पहुंचा तो वहां सीएमएस की कुर्सी भी खाली थी। इसलिए वह कुछ न करके केवल डॉक्टर के आने का इंतजार करता रहा। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके शाक्य भी नहीं थे। उनसे जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अवकाश पर हूं। मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मेरे द्वारा अस्पताल प्रशासन को अवकाश की जानकारी दे दी गई थी।
विस्तार
मैनपुरी के जिला अस्पताल और सौ शैया अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर समाचार प्रकाशित कर ‘अमर उजाला’ ने जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को कई बार सचेत किया। इसके बावजूद किसी ने इस ओर कोई ध्यान दिया। नतीजा डॉक्टर के अभाव में सोमवार को आठ माह की बच्ची की मौत हो गई।
जिला अस्पताल और सौ शैया अस्पताल में काफी समय से डॉक्टरों की कमी चल रही है। इसको लेकर समय-समय पर खबरें प्रकाशित कीं, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई ध्यान दिया। अभी संक्रामक बीमारियों की शुरूआत हुई है। डॉक्टरों की कमी से दिक्कतें बढ़ सकती हैं। समय रहते डॉक्टरों की तैनाती नहीं हुई तो बरसात के बाद बीमार मरीजों का उपचार करना मुश्किल भरा हो जाएगा।
डॉक्टर |
सृजित पद |
रिक्त पद |
बाल रोग विशेषज्ञ |
02 |
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फिजीशियन |
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रेडियोलॉजिस्ट |
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