उन्नाव जिले में पड़ोस में रहने वाले अनुसूचित जाति के किशोर से प्रेम प्रसंग होने का किशोरी के परिजन विरोध कर रहे थे। परिजनों के विरोध से परेशान होकर मार्च में दोनों घर से भाग गए थे। पुलिस ने दोनों को खोज लिया। किशोर को बाल सुधार गृह भेजा था।
वह आठ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था। अखिलेश अनुसूचित जाति (पासवान) और किशोरी निक्की सामान्य जाति (ठाकुर) बिरादरी की होने से किशोरी के परिजन विरोध कर रहे थे। कई बार परिजनों ने दोनों को समझाने का प्रयास किया था।
कई बार मारपीट की लेकिन वह नहीं माने। नौ मार्च 2023 को किशोर, किशोरी को लेकर भाग गया था। किशोरी के पिता ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दस दिन बाद पुलिस ने दोनों को खोज लिया था। किशोरी के बयान दर्ज करने के साथ डॉक्टरी परीक्षण कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया था।
एक मई को ही छूटकर आया था किशोर
जबकि किशोर को बाल सुधार गृह भेज दिया था। एक मई को किशोर जमानत पर छूट कर आया था। उसके बाद से दोनों फिर मिलने लगे थे। यह परिजनों को रास नहीं आ रहा था और उन्होंने घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम भी करवाया है।
प्रेमी कक्षा छह, प्रेमिका इंटर पास
अखिलेश ने कक्षा छह के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, जबकि निक्की सिंह ने पढ़ाई जारी रखी और इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। अखिलेश पिता के साथ खेती में हाथ बंटाता था और निक्की घर में ही रहती थी। परिवार के लोगों को प्रेम प्रसंग की जानकारी होने से परिजन दोनों पर लगातार नजर रखते थे।
मृतका की मां, बहन तीन चाची और चचेरा भाई पुलिस हिरासत में
अखिलेश के परिजनों ने जब हत्या कर शव लटकाए जाने का आरोप लगाया तो पुलिस ने आनन फानन मृतका की मां, बहन, तीन चाची और चचेरे भाई को हिरासत में लिया है। घर के अन्य परिजन फरार हैं। मृतक अखिलेश छह भाइयों में पांचवें नंबर का था। बेटे की मौत से मां फूलमती और अन्य परिजन बेहाल हैं।
किशोरी को भगाने की घटना में 10 मई को पेशी
अखिलेश के बड़े भाई निर्मल ने बताया कि किशोरी को भगाने के मामले में 10 मई को कोर्ट में पेशी की तारीख तय है। पेशी कराने के बाद भाई को लेकर हरियाणा जाना था। उसकी तैयारी भी पूरी हो गई थी। लेकिन उसके पहले ही हत्यारोपियों ने भाई को मौत के घाट उतार दिया।