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तूरी पंचायत में एक्सप्रेसवे के लिए भूमि समतलीकरण में लगी जेसीबी। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। लखनऊ से कानपुर के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेसवे (एनई-6) में तीन फ्लाईओवर बनेंगे। इसके साथ ही एक टोल प्लाजा भी बनेगा। निर्माण की शुरुआत पुरवा तहसील की तूरी ग्राम पंचायत से कर दी गई है। अभी भूमि समतलीकरण का काम तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है।
जिले में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (एनई-6) छह लेन का होगा। एक्सप्रेसवे के दायरे में पहले जिले के 29 गांव आ रहे थे। फिर जब भूमि का रेखाकंन शुरू हुआ तो तीन गांव और बढ़ गए। इनमें आटा, करौंदी व कोरारीकला नए गांव शामिल हुए। इसके बाद कुल 32 गांवों में भूमि अधिग्रहण की कवायद शुरू हुई।
जिला प्रशासन ने लगभग 380 हेक्टेअर भूमि अधिग्रहीत की है। इसमें लगभग 6 हजार किसान शामिल हैं। जो भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है उसका मुआवजा देने का काम भी तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। हालांकि अभी करौंदी गांव के किसानों के मुआवजा संबंधी दावे निस्तारित नहीं हो सके हैं। प्रशासन इनका तेजी के साथ निपटारा कराने में जुटा है।
उधर, तूरी ग्राम पंचायत के पास से निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया है। अभी जेसीबी से भूमि समतलीकरण का काम किया जा रहा है। इसके अलावा जो पेड़ दायरे में आ रहे हैं उन्हें भी हटवाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कार्यदायी फर्म पीएनसी ने तौरा के पास अपना यार्ड बना लिया है। यहां पर निर्माण सामग्री एकत्रित हो रही है।
पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर बनी, अचलगंज व अडेर पतारी के पास फ्लाईओवर बनेंगे। कांथा में एक टोल प्लाजा बनाया जाएगा। नेवरना में गंगा एक्सप्रेसवे क्रास करेगा। इसलिए वहां पर जंक्शन का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान कुछ समय लिए काम रोका गया था पर अब काम फिर से तेजी के साथ शुरू हो गया है।
कानपुर से लखनऊ पहुंचने में कम लगेगा समय
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे छह लेन का बनाया जाएगा लेकिन इसकी डिजाइन आठ लेन के हिसाब से तैयार की गई है। एक्सप्रेसवे से लखनऊ आना-जाना आसान हो जाएगा। अभी तक इस रास्ते में सफर करने में एक से डेढ़ घंटे तक लग जाते हैं। लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इस एक्सप्रेसवे से मात्र 45 मिनट में ही कानपुर से लखनऊ पहुंचा जा सकेगा।
उन्नाव। लखनऊ से कानपुर के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेसवे (एनई-6) में तीन फ्लाईओवर बनेंगे। इसके साथ ही एक टोल प्लाजा भी बनेगा। निर्माण की शुरुआत पुरवा तहसील की तूरी ग्राम पंचायत से कर दी गई है। अभी भूमि समतलीकरण का काम तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है।
जिले में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (एनई-6) छह लेन का होगा। एक्सप्रेसवे के दायरे में पहले जिले के 29 गांव आ रहे थे। फिर जब भूमि का रेखाकंन शुरू हुआ तो तीन गांव और बढ़ गए। इनमें आटा, करौंदी व कोरारीकला नए गांव शामिल हुए। इसके बाद कुल 32 गांवों में भूमि अधिग्रहण की कवायद शुरू हुई।
जिला प्रशासन ने लगभग 380 हेक्टेअर भूमि अधिग्रहीत की है। इसमें लगभग 6 हजार किसान शामिल हैं। जो भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है उसका मुआवजा देने का काम भी तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। हालांकि अभी करौंदी गांव के किसानों के मुआवजा संबंधी दावे निस्तारित नहीं हो सके हैं। प्रशासन इनका तेजी के साथ निपटारा कराने में जुटा है।
उधर, तूरी ग्राम पंचायत के पास से निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया है। अभी जेसीबी से भूमि समतलीकरण का काम किया जा रहा है। इसके अलावा जो पेड़ दायरे में आ रहे हैं उन्हें भी हटवाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कार्यदायी फर्म पीएनसी ने तौरा के पास अपना यार्ड बना लिया है। यहां पर निर्माण सामग्री एकत्रित हो रही है।
पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर बनी, अचलगंज व अडेर पतारी के पास फ्लाईओवर बनेंगे। कांथा में एक टोल प्लाजा बनाया जाएगा। नेवरना में गंगा एक्सप्रेसवे क्रास करेगा। इसलिए वहां पर जंक्शन का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान कुछ समय लिए काम रोका गया था पर अब काम फिर से तेजी के साथ शुरू हो गया है।
कानपुर से लखनऊ पहुंचने में कम लगेगा समय
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे छह लेन का बनाया जाएगा लेकिन इसकी डिजाइन आठ लेन के हिसाब से तैयार की गई है। एक्सप्रेसवे से लखनऊ आना-जाना आसान हो जाएगा। अभी तक इस रास्ते में सफर करने में एक से डेढ़ घंटे तक लग जाते हैं। लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इस एक्सप्रेसवे से मात्र 45 मिनट में ही कानपुर से लखनऊ पहुंचा जा सकेगा।
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