[ad_1]
जिला अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत पर हंगामा कर रहे परिजनों को समझाती पुलिस। संवाद
– फोटो : UNNAO
ख़बर सुनें
उन्नाव। जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान जच्चा की मौत के कुछ देर बाद नवजात की भी मौत हो गई। जानकारी होते ही परिजन आक्रोशित हो गए। डॉक्टर व स्टॉफ से अभद्रता की और तोड़फोड़ का भी प्रयास किया। कोतवाली पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। सूचना पर सीएमओ भी पहुंचे और घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम भी गठित की। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं।
सदर कोतवाली के मोहल्ला शेखपुर निवासी सुशील सोनकर की पत्नी पूजा (24) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सिकंदरपुर सरोसी स्वास्थ्य केंद्र ले गए। डॉक्टर ने हालत गंभीर देख जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया। दोपहर करीब 2:30 बजे पूजा को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉ. अल्का शुक्ला ने जांच की और जच्चा और बच्चा की हालत गंभीर होने की जानकारी दी।
परिजनों की सहमति के बाद ऑपरेशन किया। जैसे ही प्रसव हुआ, जच्चा की मौत हो गई। करीब दस मिनट बाद नवजात ने भी दम तोड़ दिया। जच्चा-बच्चा की मौत से गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल चौकी इंचार्ज संतोष कुमार राय ने समझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन शांत नहीं हुए। कोतवाल राजेश पाठक और सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश भी पहुंचे। मृतका के परिजनों ने इलाज में लापरवाही और इंजेक्शन लगाने के बाद हालत बिगड़ने का आरोप लगाया।
पति सुशील ने बताया कि यह उसका पहला बच्चा था। पत्नी और बच्चे की मौत से वह बिलख पड़ा। सीएमओ ने जांच आश्वासन देकर शांत कराया। इस दौरान करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि परिजनों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
पेट में बच्चा न घूमने से हुई दिक्कत
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि पूजा की लंबाई कम है। गर्भस्थ शिशु गर्भ में घूम नहीं पा रहा था। ऑपरेशन से पहले जैसे ही महिला को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया उसका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगा था। बताया कि घटना की जांच के लिए पांच सीएमएस पुुरुष डॉ. सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। जिसमें सीएमएस महिला डॉ. संजू अग्रवाल, एनेस्थेटिस्ट डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. अमित श्रीवास्तव और एसीएमओ डॉ. रामसूरत रविदास को शामिल किया गया है। चौबीस घंटे में गठित टीम अपनी रिपोर्ट देगी।
[ad_2]
Source link