उन्नाव, कानपुर में गहरी हैं आतंकी की जड़े

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उन्नाव। गदनखेड़ा स्थित आवास पर सोमवार को सांसद डॉ. साक्षी महाराज ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने उदयपुर में हुई घटना व खुद को जान से मारने की धमकी देने को लेकर बड़ा बयान दिया। बताया कि गुमनाम खत में हिंदूवादी कमलेश तिवारी की पत्नी, प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ व उन्हें जान से मारने की धमकी देकर फोटो पर टारगेट लिखा गया है। उन्होंने कहा कि आतंक की गहरी जड़ें उन्नाव व कानपुर में हैं।
सांसद ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व व अलगाववादी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास में जहर घोल रहे हैं। धमकियां तो पहले भी मिलती रहीं हैं लेकिन अब जो धमकी मिली है, वह चिंता का विषय है।
आतंकी संगठन देश में सक्रिय हैं। योजनाबद्ध तरीके से देश में अशांत माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा व अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उदयपुर की हिंसा कोई एकाएक नहीं है। नूपुर के बयान का मतलब भी कोई नहीं है। स्कूटर का नंबर 2611 कब लिया। ये नंबर लेने से ही पता चलता है कि आरोपियों की मानसिकता क्या थी। मित्रता होने के बाद भी इतना बड़ा विश्वासघात किया। ऐसे ही कमलेश तिवारी की हत्या हुई। उसमें भी 10 साल पुराना संबंध था। सांसद ने कहा कि किस पर विश्वास किया जाए, ये तो लोगों को सोचना पड़ेगा।

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उन्नाव। गदनखेड़ा स्थित आवास पर सोमवार को सांसद डॉ. साक्षी महाराज ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने उदयपुर में हुई घटना व खुद को जान से मारने की धमकी देने को लेकर बड़ा बयान दिया। बताया कि गुमनाम खत में हिंदूवादी कमलेश तिवारी की पत्नी, प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ व उन्हें जान से मारने की धमकी देकर फोटो पर टारगेट लिखा गया है। उन्होंने कहा कि आतंक की गहरी जड़ें उन्नाव व कानपुर में हैं।

सांसद ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व व अलगाववादी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास में जहर घोल रहे हैं। धमकियां तो पहले भी मिलती रहीं हैं लेकिन अब जो धमकी मिली है, वह चिंता का विषय है।

आतंकी संगठन देश में सक्रिय हैं। योजनाबद्ध तरीके से देश में अशांत माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा व अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उदयपुर की हिंसा कोई एकाएक नहीं है। नूपुर के बयान का मतलब भी कोई नहीं है। स्कूटर का नंबर 2611 कब लिया। ये नंबर लेने से ही पता चलता है कि आरोपियों की मानसिकता क्या थी। मित्रता होने के बाद भी इतना बड़ा विश्वासघात किया। ऐसे ही कमलेश तिवारी की हत्या हुई। उसमें भी 10 साल पुराना संबंध था। सांसद ने कहा कि किस पर विश्वास किया जाए, ये तो लोगों को सोचना पड़ेगा।

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