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संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव
Updated Tue, 21 Feb 2023 01:01 AM IST
उन्नाव। किशोरी से दुष्कर्म के दस साल पुराने मुकदमे में न्यायालय ने दोषी पाए गए युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
हरदोई जिले के बिलग्राम क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने 18 नवंबर 2013 को बांगरमऊ कोतवाली में उसकी नाबालिग बेटी को भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 14 साल की बेटी अपनी ननिहाल बांगरमऊ गई थी। 17 नवंबर 2013 को पड़ोस में रहने वाला उमेश नाम का युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। कुछ दिनों बाद किशोरी व आरोपी को खोज लिया था। पुलिस ने किशोरी के महिला मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान भी दर्ज कराए थे। इसमें उसने उमेश पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। विवेचक ने किशोरी के बयान के आधार पर उमेश के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया था। कुछ दिनों बाद आरोपी जमानत पर छूट गया था।
मुकदमा विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में विचाराधीन था। सोमवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई में विशेष लोक अभियोजक चंद्रिका प्रसाद बाजपेयी और प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के तर्कों व दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश विवेकानंद विश्वकर्मा ने उमेश को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने 1.15 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया है और धनराशि पीड़िता को नियमानुसार दिए जाने का आदेश दिए है।
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