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अचलगंज (उन्नाव)। एक महीने पहले 21 लाख रुपये का गांजा चोरी हुआ था। इस मामले में गांजा तस्करों ने खुद को एसटीएफ का सिपाही बताकर रविवार को कार से युवक को अगवा कर लिया। उसे बंधक बनाकर पीटा। आरोपियों को शक था कि गैंग से जुड़े इस युवक का गांजा चोरी में हाथ है। आरोपियों के चुंगल से छूटने के बाद युवक ने थाने पहुंचकर पूरी को पूरी कहानी सुना दी। इस मामले में पुलिस ने दो नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
क्षेत्र के कोरारी खुर्द निवासी वीरेंद्र रावत ने बताया कि रविवार की शाम वह गांव की बाजार में आलू की बोरी खरीदने गया था। उसी दौरान काले रंग की एक कार आई। उससे छह लोग उतरे और जबरदस्ती उसे कार पर बिठाकर ले गए। उसके शोर मचाने लोगाें ने कार को रोक लिया। इस पर आरोपियों ने खुद को एसटीएफ का सिपाही बताया और कहा कि चोरी के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है।
यह सुनकर लोग पीछे हट गए। इसके बाद आरोपियों ने उसकी आंखों में पट्टी बांध दी और एक तीन मंजिला इमारत में ले गए। वहां बंधकर बनाकर चोरी हुए गांजा के बारे में पूछताछ करते हुए उसे पीटा। 10 लाख रुपये देने शर्त पर उसे छोड़ने की बात कही। रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी की। इसी दौरान उसकी आंख की पट्टी खुल गई। उसने अगवा करने वालों में गांव के शिव दीप सिंह व छोटू सिंह को पहचान लिया। इसके बाद रात में अपहरणकर्ता उसे गांव के बाहर छोड़कर भाग गए। इस मामले में पुलिस ने शिव दीप व छोटू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
वीरेंद्र का कहना है कि पहले वह आरोपियों के साथ गांजा तस्करी का काम करता था। काम छोड़ देने पर उसे अगवा कर गांजा चोरी का आरोप लगाकर पीटा गया। रात में ही उसने थाने पहुंचकर तहरीर दी। आरोप है कि पुलिस ने उस पर तहरीर बदलने का दबाव डाला। इस पर वह परिजनों समेत 50 लोगों के साथ एसपी से मिला। उन्हें पूरी दास्तां बताई। इसके बाद पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज की।
एनडीपीएस में जेल जा चुका है शिवदीप
सात महीने पहले आरोपी शिवदीप व उसके एक अन्य साथी को स्वॉट टीम ने लगभग पांच लाख के गांजा के साथ पकड़ा था। वह अपनी ही कार से गांजा बेंचने जा रहा था। तब पुलिस ने उसे जेल भेजा था। हाल मेें ही वह जमानत पर बाहर था।
अचलगंज (उन्नाव)। एक महीने पहले 21 लाख रुपये का गांजा चोरी हुआ था। इस मामले में गांजा तस्करों ने खुद को एसटीएफ का सिपाही बताकर रविवार को कार से युवक को अगवा कर लिया। उसे बंधक बनाकर पीटा। आरोपियों को शक था कि गैंग से जुड़े इस युवक का गांजा चोरी में हाथ है। आरोपियों के चुंगल से छूटने के बाद युवक ने थाने पहुंचकर पूरी को पूरी कहानी सुना दी। इस मामले में पुलिस ने दो नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
क्षेत्र के कोरारी खुर्द निवासी वीरेंद्र रावत ने बताया कि रविवार की शाम वह गांव की बाजार में आलू की बोरी खरीदने गया था। उसी दौरान काले रंग की एक कार आई। उससे छह लोग उतरे और जबरदस्ती उसे कार पर बिठाकर ले गए। उसके शोर मचाने लोगाें ने कार को रोक लिया। इस पर आरोपियों ने खुद को एसटीएफ का सिपाही बताया और कहा कि चोरी के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है।
यह सुनकर लोग पीछे हट गए। इसके बाद आरोपियों ने उसकी आंखों में पट्टी बांध दी और एक तीन मंजिला इमारत में ले गए। वहां बंधकर बनाकर चोरी हुए गांजा के बारे में पूछताछ करते हुए उसे पीटा। 10 लाख रुपये देने शर्त पर उसे छोड़ने की बात कही। रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी की। इसी दौरान उसकी आंख की पट्टी खुल गई। उसने अगवा करने वालों में गांव के शिव दीप सिंह व छोटू सिंह को पहचान लिया। इसके बाद रात में अपहरणकर्ता उसे गांव के बाहर छोड़कर भाग गए। इस मामले में पुलिस ने शिव दीप व छोटू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
वीरेंद्र का कहना है कि पहले वह आरोपियों के साथ गांजा तस्करी का काम करता था। काम छोड़ देने पर उसे अगवा कर गांजा चोरी का आरोप लगाकर पीटा गया। रात में ही उसने थाने पहुंचकर तहरीर दी। आरोप है कि पुलिस ने उस पर तहरीर बदलने का दबाव डाला। इस पर वह परिजनों समेत 50 लोगों के साथ एसपी से मिला। उन्हें पूरी दास्तां बताई। इसके बाद पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज की।
एनडीपीएस में जेल जा चुका है शिवदीप
सात महीने पहले आरोपी शिवदीप व उसके एक अन्य साथी को स्वॉट टीम ने लगभग पांच लाख के गांजा के साथ पकड़ा था। वह अपनी ही कार से गांजा बेंचने जा रहा था। तब पुलिस ने उसे जेल भेजा था। हाल मेें ही वह जमानत पर बाहर था।
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