ओवरलोड वाहनों की जुर्माना राशि तय

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लखनऊ-कानपुर हाईवे स्थित टोल प्लाजा। संवाद
– फोटो : UNNAO

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नवाबगंज। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने ओवरलोड वाहनों में लगाए जाने वाले जुर्माने को निर्धारित कर ‘नेक्स्ट हायर कैटेगिरी’ में फिक्स कर दिया है। इस व्यवस्था से ट्रांसपोर्टराें को राहत मिली है। मनमाने जुर्माने की वसूली से वाहन स्वामियों को निजात मिली है। आदेश एक जनवरी की रात 12 बजे से लागू कर दिया गया है।
नवाबगंज टोल प्लाजा से अन्य वाहनों के अलावा रोजाना एक हजार से 1200 ओवरलोड वाहनों की आवाजाही है। इन ट्रकों से टोल प्रबंधन निर्धारित टोल शुल्क के अलावा अभी तक 40 से 100 प्रतिशत तक जुर्माना वसूलते थे। इससे आए दिन टोल प्लाजा पर बवाल के साथ ही ट्रैफिक लोड बढ़ता था। टोल के उप महाप्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि टोल प्लाजा पर व्यवसायिक वाहनों के अनुसार शुल्क वसूला जाता था। किसी भी वाहन पर तय क्षमता से ज्यादा भार मिलता था तो निर्धारित शुल्क से दस गुना तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान था। कोई भी व्यवसायिक वाहन टोल प्लाजा से निर्धारित शुल्क 600 रुपये अदा कर निकलता था। ओवरलोड होने पर 600 रुपये से छह हजार रुपये तक जुर्माना कैश या फास्टैग के जरिए लिया जाता था।
मनमाने जुर्माने व टोल शुल्क बचाने के चक्कर में चालक मुख्य मार्ग की बजाय लिंक मार्गों से आवाजाही करते थे। इससे दुर्घटना के साथ ही सड़कें भी क्षतिग्रस्त होतीं थी। ओवरलोड डबल एक्सल वाहन के लिए 240 रुपये तय है। ओवर लोड है तो अब तय 295 रुपये जुर्माना राशि ली जा रही है। ऐसे ही ट्रिपल एक्सल वाहनों का टोल टैक्स 295 तय है। वह ओवर लोड पाया जाता है तो 425 रुपये जुर्माना चुकाना होगा।

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नवाबगंज। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने ओवरलोड वाहनों में लगाए जाने वाले जुर्माने को निर्धारित कर ‘नेक्स्ट हायर कैटेगिरी’ में फिक्स कर दिया है। इस व्यवस्था से ट्रांसपोर्टराें को राहत मिली है। मनमाने जुर्माने की वसूली से वाहन स्वामियों को निजात मिली है। आदेश एक जनवरी की रात 12 बजे से लागू कर दिया गया है।

नवाबगंज टोल प्लाजा से अन्य वाहनों के अलावा रोजाना एक हजार से 1200 ओवरलोड वाहनों की आवाजाही है। इन ट्रकों से टोल प्रबंधन निर्धारित टोल शुल्क के अलावा अभी तक 40 से 100 प्रतिशत तक जुर्माना वसूलते थे। इससे आए दिन टोल प्लाजा पर बवाल के साथ ही ट्रैफिक लोड बढ़ता था। टोल के उप महाप्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि टोल प्लाजा पर व्यवसायिक वाहनों के अनुसार शुल्क वसूला जाता था। किसी भी वाहन पर तय क्षमता से ज्यादा भार मिलता था तो निर्धारित शुल्क से दस गुना तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान था। कोई भी व्यवसायिक वाहन टोल प्लाजा से निर्धारित शुल्क 600 रुपये अदा कर निकलता था। ओवरलोड होने पर 600 रुपये से छह हजार रुपये तक जुर्माना कैश या फास्टैग के जरिए लिया जाता था।

मनमाने जुर्माने व टोल शुल्क बचाने के चक्कर में चालक मुख्य मार्ग की बजाय लिंक मार्गों से आवाजाही करते थे। इससे दुर्घटना के साथ ही सड़कें भी क्षतिग्रस्त होतीं थी। ओवरलोड डबल एक्सल वाहन के लिए 240 रुपये तय है। ओवर लोड है तो अब तय 295 रुपये जुर्माना राशि ली जा रही है। ऐसे ही ट्रिपल एक्सल वाहनों का टोल टैक्स 295 तय है। वह ओवर लोड पाया जाता है तो 425 रुपये जुर्माना चुकाना होगा।

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